दोनों राष्ट्र प्रमुखों के बीच हुई बातचीत में चीन के राष्टÑपति ने ठोस रिश्तों के लिए दिए चार सुझाव

PM Modi China Visit (आज समाज), नई दिल्ली : भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्तमान में चीन में आयोजित हो रही एससीओ समिट में भाग लेने के लिए चीन गए हुए हैं। पीएम मोदी के इस दौरे की एससीओ समिट से ज्यादा चर्चा चीन के राष्ट्रपति के साथ होने वाली मुलाकात को लेकर थी। उम्मीद के अनुसार रविवार को एशिया के इन दो बड़े नेताओं ने करीब 50 मिनट तक बातचीत की। इस बैठक में दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय रिश्तों और आपसी व्यापार को मजबूत करने पर बल दिया। पीएम मोदी ने सीमा पर शांति बनाए रखने की जरूरत पर जोर दिया। दोनों नेताओं ने पिछले साल हुए समझौते और सीमा पर शांति बनाए रखने तारीफ की। मौजूदा सिस्टम के जरिए शांति बनाए रखने पर सहमति बनी।

बेहतर रिश्ते बनाने के लिए जिनपिंग ने दिए ये सुझाव

चीन के राष्ट्रपति ने दोनों देशों के बीच संबंधों को बेहतर बनाने के लिए चार सुझाव दिए- डिप्लोमेटिक संवाद बढ़ाना, आपसी भरोसा मजबूत करना, आदान-प्रदान और सहयोग बढ़ाना, एक-दूसरे की चिंताओं का ध्यान रखना और ग्लोबल मंचों पर साझा हितों की रक्षा करना। सीमा विवाद और अन्य मुद्दे- दोनों नेताओं ने सीमा विवाद को आपसी सम्मान और दोनों देशों के हितों को ध्यान में रखकर हल करने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने व्यापार संतुलन, लोगों के बीच संपर्क, सीमा पार नदियों पर सहयोग और आतंकवाद के खिलाफ मिलकर काम करने पर भी बात की।

दोनों देशों में इन मुद्दों पर बनी है सहमति

अक्टूबर 2024 के समझौते के बाद गलवान और देपसांग जैसे संवेदनशील इलाकों से सैनिक पीछे हटाए गए। अब पूर्वी और मध्य सेक्टर पर भी बातचीत चल रही है। पांच साल बाद भारत-चीन के बीच सीधी उड़ानें शुरू हुईं। चीन ने भारत को रेयर अर्थ मिनरल्स बेचने और खाद-मशीनरी सप्लाई करने का भरोसा दिया है। नाथु ला दर्रे से बॉर्डर ट्रेड फिर से शुरू करने पर भी बातचीत हुई। चीन ने भारतीय श्रद्धालुओं को कैलाश मानसरोवर जाने की अनुमति दी। पत्रकारों और पर्यटकों के लिए वीजा नियम आसान किए गए। ब्रह्मपुत्र नदी पर डेटा शेयरिंग भी दोबारा शुरू हो गई है।

दोनों देशों में यह जटिल मुद्दे आज भी मौजूद

एलओसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) अब भी निर्धारित नहीं, स्थायी समाधान नहीं निकला है। चीन तिब्बत में ब्रह्मपुत्र पर विशाल डैम बना रहा है। भारत इसका विरोध कर रहा है। पाकिस्तान के साथ चीन की गहरी साझेदारी और भारत की क्वाड में मौजूदगी को लेकर दोनों देशों में अविश्वास बना हुआ है। 2020 के बाद भारत ने चीनी कंपनियों और एप्स पर रोक लगाई। चीन के साथ व्यापार घाटा भी लगातार बढ़ा है।

गलवान झड़प के बाद मोदी का पहला चीन दौरा

जून 2020 में हुई गलवान झड़प के बाद भारत-चीन के संबंध खराब हो गए थे। इस यात्रा का मकसद दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को कम करना भी है। ज्ञात रहे कि एससीओ की बैठक में 20 से ज्यादा देश शामिल हुए। मोदी और पुतिन के साथ-साथ सेंट्रल एशिया, मिडिल ईस्ट, साउथ एशिया और साउथ-ईस्ट एशिया के नेता भी इस समिट में शामिल हुए विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने पीएम मोदी और राष्ट्रपति जिनपिंग की मुलाकात का डिटेल ब्योरा दिया। यह पिछले एक साल में दोनों नेताओं की दूसरी मुलाकात थी। इससे पहले दोनों अक्टूबर 2024 में रूस के कजान में मिले थे।