दशकों बाद अमेरिका के किसान प्रदर्शन करने पर हुए मजबूर

American agricultural crisis (आज समाज) बिजनेस डेस्क : अमेरिकी कृषि सेक्टर इन दिनों मंदी का शिकार है। हजारों की संख्या में किसान प्रदर्शन करने पर मजबूर हैं। अमेरिका में यह स्थिति बीते दशकों में शायद ही बनी हो की किसानों को प्रदर्शन की राह पर उतरना पड़ा हो। किसानों की समस्याओं का वहां के आर्थिक और कृषि विशेषज्ञ कई तरह के कयास लगा रहे हैं।

कुछ का कहना है कि किसानों की इस हालत के लिए अमेरिकी राष्टÑपति सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं। उनका कहना है कि अमेरिकी टैरिफ ने देश के अन्य सेकटर्स के मुकाबले कृषि पर ज्यादा प्रतिकूल असर डाला है। यही कारण है कि पिछले दिनों प्रदर्शन कर रहे किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल जब राष्टÑपति डोनाल्ड ट्रंप को मिला तो ट्रंप ने बिना किसी देरी के किसानों की स्थिति में सुधार के लिए 12 अरब डॉलर (करीब 90,000 करोड़ रुपए) का विशेष राहत पैकेज देने की घोषणा कर दी। अमेरिका के इतिहास में यह पहला अवसर था जब किसानों को इतने बड़े राहत पैकेज की नौबत पहली बार पड़ी है।

इसलिए मुश्किल में फंसा कृषि संकट

अमेरिकी कृषि मंत्रालय यानी यूएसडीए व कांग्रेस रिसर्च सर्विस की अधिकृत्त रिपोर्टों के अनुसार टैरिफ युद्ध के कारण कई बड़े देशों, खासकर चीन ने अमेरिकी अनाज और अन्य कृषि उत्पादों की खरीद बहुत कम कर दी या अस्थायी रूप से रोक दी। इससे अमेरिकी किसानों की आमदनी और निर्यात दोनों पर सीधा और गंभीर असर पड़ा। चीन ने सोयाबीन, मक्का, सूअर मांस और कपास सहित कई अमेरिकी कृषि उत्पादों पर प्रतिशोधी शुल्क बढ़ा दिए और कई श्रेणियों में आयात घटा दिया। इससे टैरिफ युद्ध की सीधी मार उन किसानों पर पड़ी, जहां मक्का व सोयाबीन की खेती बड़े पैमाने पर होती है। अमेरिकी कृषि मंत्रालय ने किसानों के लिए जो कदम उठाया, वह था मार्केट फैसिलिटेशन प्रोग्राम यानी एमएफपी।

ट्रंप के फैसले के पीछे यह वजह बताई जा रही

अमेरिकी किसान लगातार बढ़ती लागत और विदेशी आयात के दबाव की शिकायत कर रहे हैं। चुनावी समर्थन आधार माने जाने वाले किसानों को साधने के लिए ट्रम्प प्रशासन लगातार नई नीतियों पर विचार कर रहा है। राष्ट्रपति ने कहा कि वह अमेरिका में भारतीय चावल की कथित डंपिंग पर ध्यान देंगे। किसानों ने चावल की गिरती कीमतों की ओर इशारा करते हुए दावा किया है कि भारत, वियतनाम और थाईलैंड जैसे देशों से आयात उनकी फसलों को नुकसान पहुंचा रहा है। ट्रंप ने कहा कि उन्हें डंपिंग नहीं करनी चाहिए।

ट्रंप ने दिए नए टैरिफ लगाने के संकेत

अमेरिकी राष्टÑपति ने एक बार फिर से भारत पर टैरिफ लगाने के संकेत दे दिए हैं। इस बार टैरिफ भारतीय चावल के निर्यात पर लगाया जा रहा है। इस संबंधी बयान देते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने स्पष्ट किया कि भारत से आने वाले चावल और कनाडा से आयातित फर्टिलाइजर (खाद) पर नए टैरिफ लगा सकते हैं। ट्रंप ने दावा किया कि भारत, वियतनाम और थाईलैंड जैसे देशों से आने वाला चावल अमेरिकी किसानों को नुकसान पहुंचा रहा है।

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