सूर्य की पूजा, तप और साधना के लिए बेहद पवित्र महीना है पौष
Paush Month Shubh Yog, (आज समाज), नई दिल्ली: पौष मास को सूर्य की पूजा, तप और साधना का बहुत पवित्र समय माना जाता है। यह महीना आध्यात्म के साथ-साथ ग्रहों की स्थिति के कारण भी खास असर डालता है। ज्योतिष के अनुसार जब सूर्य गुरु की राशि धनु में होते हैं और उनके पास बुध भी रहता है, तो यह समय बुद्धि, सही फैसलों, आत्मविश्वास और आर्थिक स्थिरता को बढ़ाता है।
इसी दौरान मंगल का धनु राशि में गोचर साहस, उत्साह और लक्ष्य हासिल करने की क्षमता को मजबूत करता है। धनु में स्थित मंगल व्यक्ति को सक्रिय, स्पष्ट और परिणाम देने वाला बनाता है। गुरु और मंगल की आपसी दृष्टि कार्यक्षेत्र में प्रगति, सही निर्णय और मेहनत के उचित फल का योग बनाती है। इन सभी ग्रहयोगों का संयुक्त प्रभाव जीवन में शुभ परिणाम, मन की शांति, स्पष्ट सोच और उन्नति के अवसर बढ़ाता है।
बुधादित्य योग का संगम
सबसे पहले सूर्य का धनु राशि में प्रवेश इस महीने का प्रमुख प्रभाव है। सूर्य और गुरु के संयोजन से धनु में बनने वाला यह योग आत्मविश्वास, स्वास्थ्य और धार्मिक रुझान को बल देता है। सूर्य गुरु की राशि में रहकर शुभ फल प्रदान करता है, जिससे सरकारी कार्य, प्रतिष्ठा और सामाजिक सम्मान में वृद्धि का योग बनता है।
इस अवधि में बुध का सूर्य के समीप रहना बुधादित्य योग का निर्माण करता है। यह योग बुद्धि, वाणिज्य, लेखन कार्य, व्यापारिक निर्णय और संचार कौशल को प्रबल बनाता है। जिन जातकों का कार्यक्षेत्र व्यापार, लेखन, मीडिया, शिक्षा या वित्त से जुड़ा है, उनके लिए यह योग विशेष लाभदाई माना जाता है।
मंगल के गोचर से मिलने वाले परिणाम
पौष माह में मंगल का धनु राशि में गोचर साहस, उत्साह और कामों को समय पर पूरा करने की क्षमता को बढ़ाता है। यह अवधि लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करने, नए निर्णय लेने और कार्यक्षेत्र में तेजी लाने के लिए अनुकूल मानी जाती है।
धनु में स्थित मंगल भूमि, संपत्ति और वाहन संबंधी मामलों में भी सहयोगी माना जाता है, बशर्ते जन्मकुंडली में मंगल प्रतिकूल न हो। इस योग के प्रभाव से रुके हुए कार्य आगे बढ़ते हैं, आत्मविश्वास मजबूत होता है और प्रयासों का परिणाम जल्दी मिलना शुरू होता है।
पौष मास में धन हानि से बचने के उपाय
- प्रतिदिन प्रात: सूर्य देव को जल अर्पित करना आर्थिक स्थिति मजबूत करता है।
- पौष अमावस्या और गुरुवार के दिन दान देने से धन संबंधी रुकावटें दूर होती हैं।
- बुधवार को हरी वस्तु या मूंग दान करने से बुध का प्रभाव बढ़ता है और व्यापारिक हानि कम होती है।
- मंगलवार को हनुमान चालीसा पाठ और गुड़चने का भोग देने से मंगल दोष शांत होता है।
- घर और कार्यस्थल में अव्यवस्था न रखना धन हानि रोकने के लिए अत्यंत प्रभावी उपाय माना गया है।
ये भी पढ़ें: घर की इस दिशा में लगाएंगे हनुमान जी की तस्वीर


