समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे भगवान धन्वंतरि
Dhanteras, (आज समाज), नई दिल्ली: हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर धनतेरस मनाया जाता है। यह पर्व धन की देवी मां लक्ष्मी को समर्पित होता है। साथ ही मां लक्ष्मी के निमित्त व्रत रखा जाता है। साथ ही सोने और चांदी से निर्मित आभूषणों की खरीदारी की जाती है। धनतेरस का त्योहार देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है।

सनातन शास्त्रों में निहित है कि चिरकाल में समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। भगवान धन्वंतरि को आयुर्वेद का जनक भी कहा जाता है। कहते हैं कि भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से शारीरिक और मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। आइए, धनतेरस की सही डेट और शुभ मुहूर्त जानते हैं।

धनतेरस डेट और शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 18 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 18 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 19 अक्टूबर को दोपहर 01 बजाकर 51 मिनट पर समाप्त होगी। इस प्रकार 18 अक्टूबर को धनतेरस का त्योहार मनाया जाएगा।

धनतेरस पूजन समय

धनतेरस के दिन पूजन के लिए 18 अक्टूबर को शुभ समय प्रदोष काल यानी संध्याकाल में 07 बजकर 16 मिनट से लेकर 08 बजकर 20 मिनट तक है। इस समय भगवान धन्वन्तरि की पूजा कर सकते हैं। अलग-अलग जगहों पर भिन्न-भिन्न समय पर धनतेरस मनाया जाएगा। इसके अगले दिन दीवाली मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर धन की देवी मां लक्ष्मी और कुबेर देव की पूजा की जाती है। यह पर्व दुनियाभर में मनाया जाता है।

पंचांग

  • सूर्योदय: सुबह 06 बजकर 24 मिनट पर
  • सूर्यास्त: शाम 05 बजकर 48 मिनट पर
  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04 बजकर 43 मिनट से 05 बजकर 33 मिनट तक
  • विजय मुहूत: दोपहर 02 बजे से 02 बजकर 46 मिनट तक
  • गोधूलि मुहूर्त: शाम 05 बजकर 48 मिनट से 06 बजकर 14 मिनट तक
  • निशिता मुहूर्त: रात्रि 11 बजकर 41 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक

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