भगवान चित्रगुप्त को समर्पित है पूजा
Chitragupta Puja, (आज समाज), नई दिल्ली: कार्तिक शुक्ल द्वितीया को भाई दूज के साथ चित्रगुप्त पूजा मनाई जाती है, जो मनुष्यों के कर्मों का लेखा-जोखा रखने वाले भगवान चित्रगुप्त को समर्पित है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल चित्रगुप्त पूजा 23 अक्टूबर को मनाई जाएगी, तो आइए इस दिन जुड़े कुछ महत्वपूर्ण नियमों को जानते हैं, जिससे जीवन में आने वाली बाधा से बचा जा सके।
चित्रगुप्त पूजा पर क्या करें?
- पूजा से पहले घर की साफ-सफाई करें और स्नान करके साफ कपड़े पहनें।
- लकड़ी की चौकी पर पीले रंग का कपड़ा बिछाकर भगवान चित्रगुप्त की प्रतिमा स्थापित करें।
- पूजा में अपनी किताब, पेन आदि रखें।
- इन्हें भगवान चित्रगुप्त का प्रतीक माना जाता है।
- पूजा शुरू करने से पहले ‘ऊँ श्री गणेशाय नम:’ का जाप करें।
- भगवान चित्रगुप्त का ध्यान करें और उन्हें रोली, चंदन, फूल, अक्षत और पंचामृत चढ़ाएं।
- घी का दीपक और धूप जलाएं।
- ऊँ चित्रगुप्ताय नम: मंत्र का कम से कम 11 बार जाप करें।
- एक कोरे कागज पर श्री गणेशाय नम: और ऊँ चित्रगुप्ताय नम: लिखें।
- इसके बाद उस पर अपनी इच्छाएं लिखें। अंत में मसिभाजन संयुक्तश्चरसि त्वम्! महीतले। लेखनी कटिनीहस्त चित्रगुप्त नमोस्तुते।। इस मंत्र का उच्चारण करें।
- पूजा के बाद आरती करें और सभी में प्रसाद बांटें।
- इस दिन भगवान से जाने-अनजाने में हुए पापों के लिए क्षमा मांगें।
चित्रगुप्त पूजा पर क्या नहीं करें?
- इस दिन तामसिक भोजन या किसी भी तरह की तामसिक चीजों से बचें।
- गंदे या अशुद्ध वस्त्र पहनकर पूजा न करें।
- पूजा के दौरान पूरी एकाग्रता बनाए रखें।
- अगर पूजा विधि नहीं है, तो किसी जानकार से पूछकर ही पूजा करें, अधूरी या गलत विधि से पूजा न करें।
- यह दिन शांति और पवित्रता का प्रतीक है। ऐसे में किसी से झगड़ा न करें, गुस्से पर काबू रखें और किसी भी जीव को परेशान न करें।
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