जानें जीवन पर इसका क्या है असर
Guru Aditya Yoga, (आज समाज), नई दिल्ली: ज्योतिष में ग्रह गोचर और उनकी युति (मेल) से बनने वाले योगों का विशेष महत्व है, जो मनुष्य के जीवन को गहराई से प्रभावित करते हैं। इन्हीं में से एक अत्यंत शुभ और शक्तिशाली योग है गुरु-आदित्य योग। यह योग व्यक्ति को राजा जैसा जीवन, अपार सम्मान और सफलता प्रदान करने की क्षमता रखता है। आइए,जानते हैं कि यह गुरु-आदित्य योग क्या है, इसका निर्माण कैसे होता है और इसका आपके जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है।
क्या है गुरु-आदित्य योग और यह कैसे बनता है?
- गुरु-आदित्य योग का निर्माण तब होता है जब ज्ञान और समृद्धि के कारक देवगुरु बृहस्पति और आत्मा, मान-सम्मान व नेतृत्व के कारक सूर्य देव कुंडली के किसी भी भाव में एक ही राशि में स्थित होते हैं।
- गुरु (बृहस्पति): यह ज्ञान, बुद्धि, धर्म, आध्यात्मिकता, संतान और धन का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- आदित्य (सूर्य): यह आत्मा, आत्मविश्वास, पिता, उच्च पद, यश, तेज और सरकारी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।
जब इन दोनों मित्र ग्रहों का एक साथ मिलन होता है, तो उनकी सकारात्मक ऊर्जा कई गुना बढ़ जाती है, जिससे यह एक बहुत ही शुभ राजयोग बन जाता है।
जीवन पर गुरु-आदित्य योग का असर
जिस जातक की कुंडली में यह शुभ योग बनता है, उसे जीवन में कई तरह के सकारात्मक परिणाम मिलते हैं। यह योग व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर निम्नलिखित प्रभाव डालता है:
ज्ञान और बुद्धिमत्ता में वृद्धि
- अखंड ज्ञान: गुरु के प्रभाव से जातक की बुद्धि तीव्र होती है और ज्ञान का जानने की गहरी इच्छा होती है। जिससे वे उच्च शिक्षा प्राप्त करने में सफल होते हैं।
- सही निर्णय: जातक में सही समय पर सही निर्णय लेने की अद्भुत क्षमता होती है, जो उन्हें हर क्षेत्र में सफलता दिलाती है।
करियर और सफलता
- उच्च पद: सूर्य के तेज और गुरु के मार्गदर्शन से व्यक्ति को करियर में उच्च पद, मान-सम्मान और नेतृत्व करने का अवसर मिलता है।
- सरकारी लाभ: यह योग सरकारी नौकरी, राजनीति, या किसी भी बड़े प्रशासनिक पद पर सफलता दिलाता है।
- धन और समृद्धि: यह योग जातक को अति धनवान बनाता है और आर्थिक स्थिति में लगातार सुधार करता है।
व्यक्तित्व और सामाजिक जीवन
- आत्मविश्वास: सूर्य के कारण जातक का आत्मविश्वास बहुत मजबूत होता है और वे निडर होकर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते हैं।
- मान-सम्मान: समाज में ऐसे व्यक्ति का कद राजा के समान होता है। उन्हें खूब यश, प्रतिष्ठा और सम्मान की प्राप्ति होती है। लोग उनकी सलाह को महत्व देते हैं।
- नैतिकता: गुरु के प्रभाव से व्यक्ति धार्मिक, सत्यवादी और उच्च नैतिक मूल्यों वाला होता है।
पारिवारिक और वैवाहिक जीवन
- पिता का सहयोग: सूर्य पिता का कारक है, इसलिए इस योग के कारण पिता का सहयोग और मार्गदर्शन मिलता है।
- खुशहाल जीवन: यह योग वैवाहिक जीवन में तालमेल बढ़ाता है और पारिवारिक सुख-शांति लाता है।


