सावन का महीना भगवान शिव की उपासना का सबसे पवित्र समय माना जाता है। खासकर सावन के सोमवार का व्रत श्रद्धालुओं के लिए विशेष फलदायक होता है।
लेकिन अगर किसी कारणवश यह व्रत अनजाने में टूट जाए, तो क्या करें? क्या उसका कोई उपाय या प्रायश्चित है?
हां, शास्त्रों में इसका समाधान स्पष्ट रूप से बताया गया है। आइए जानें कि सोमवार व्रत टूटने पर क्या करें और कैसे करें भोलेनाथ से क्षमा याचना।
क्षमा याचना: यदि व्रत अनजाने में टूट गया है, तो सबसे पहले सच्चे मन से भगवान शिव से क्षमा मांगें। भाव और श्रद्धा सबसे बड़ा बल होता है। आप इन शब्दों में प्रार्थना कर सकते हैं:
"हे भोलेनाथ! अनजाने में मुझसे जो भी त्रुटि हुई है, कृपया उसे क्षमा करें और मुझे अपने भक्त रूप में स्वीकार करें।"
करें महामृत्युंजय मंत्र का जाप: शिव पुराण के अनुसार, यदि व्रत में कोई चूक हो जाए तो महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना अत्यंत लाभकारी होता है।
इस मंत्र का 108 बार जप करें और भगवान शिव का ध्यान करें। इससे मानसिक शांति और आध्यात्मिक संतुलन प्राप्त होगा।
अगर व्रत दिन के पहले पहर में ही टूट गया हो, तो आप उसी दिन फिर से व्रत का संकल्प लेकर शाम तक उपवास कर सकते हैं। या फिर अगले दिन प्रायश्चित व्रत रख सकते हैं ।
दान को हिंदू धर्म में सबसे बड़ा प्रायश्चित माना गया है। आप गाय को चारा, ब्राह्मण को अन्न, गरीबों को वस्त्र, या किसी मंदिर में जल-अर्पण कर सकते हैं। इससे न केवल व्रत की गलती का प्रायश्चित होता है, बल्कि आशीर्वाद और सकारात्मक ऊर्जा भी प्राप्त होती है।