सामुद्रिक शास्त्र, जो चेहरे और शरीर की बनावट की पुरानी भारतीय पढ़ाई है, उसमें दांतों के बीच गैप को खास माना जाता है। तो यह अच्छा है या बुरा? आइए जानें कि यह पारंपरिक मान्यता क्या कहती है।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार, जिन लोगों के सामने के दांतों के बीच थोड़ा गैप होता है, उन्हें बहुत किस्मत वाला माना जाता है। किस्मत अक्सर उनका साथ देती है।
इन लोगों को अपने लक्ष्य पाने में समय लग सकता है, लेकिन आखिर में वे जो भी करते हैं, उसमें सफल होते हैं। लगन ही उनकी ताकत है।
जिन लोगों के दांतों में गैप होता है, उन्हें अक्सर फ्रेंडली, खुशमिजाज और पॉजिटिव सोच वाला माना जाता है। वे आसानी से दूसरों के साथ घुलमिल जाते हैं।
वे आम तौर पर खाना, कला, संगीत, साहित्य और दूसरी क्रिएटिव फील्ड पसंद करते हैं। उनकी पर्सनैलिटी अक्सर कॉन्फिडेंस और आर्टिस्टिक एनर्जी से भरी होती है।
माना जाता है कि ऐसे लोग किसी के अंडर काम करने के बजाय अपना खुद का बिज़नेस चलाना पसंद करते हैं, और कई लोग एंटरप्रेन्योरशिप में सफल होते हैं।
वे लोगों के साथ प्यार से पेश आते हैं, जिससे उन्हें दूसरों से इज्ज़त और भरोसा मिलता है।
सामुद्रिक शास्त्र में यह भी बताया गया है कि जिन लोगों के दांत थोड़े बाहर की ओर निकले होते हैं, वे आमतौर पर किस्मत वाले होते हैं लेकिन थोड़े जिद्दी भी होते हैं।