Premanand Maharaj Ji की सीख! मन न हो तो शादी से बेहतर है अकेले रहना 

वृंदावन स्थित प्रेमानंद महाराज के आश्रम में एक भक्त ने सवाल किया  

"अगर शादी की इच्छा न हो और सिर्फ घरवालों की खुशी के लिए शादी करनी पड़े, तो क्या यह सही है?"

प्रेमानंद महाराज ने इस पर बड़ा ही स्पष्ट उत्तर दिया:

"अगर इच्छा न हो तो शादी बिल्कुल न करें। किसी को अपने बंधन में बांधकर दुख देना सही नहीं है।"

उन्होंने समझाया कि शादी में केवल आपका ही नहीं, बल्कि आपके जीवनसाथी का भी सपना और उम्मीदें जुड़ी होती हैं।

 अगर आप उसकी इच्छाओं को पूरा नहीं कर पाएंगे, तो उसका जीवन भी प्रभावित होगा।

महाराज जी ने कहा कि अगर आप जीवनभर ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहते हैं, तो यह बात अपने परिवार को साफ़-साफ़ बता दें।