प्रेमानंद जी महाराज आध्यात्मिक दुनिया में एक बहुत ही सम्मानित नाम हैं।
उनके शब्द सरल हैं, फिर भी उनके प्रवचनों में गहराई और भावना भक्तों के दिलों को आसानी से छू जाती है।
महाराज जी हर दिन अपने अनुयायियों से गहरी आध्यात्मिक बातचीत के ज़रिए पर्सनली बातचीत करते हैं।
हाल ही में, ऐसी ही एक बातचीत के दौरान, एक भक्त ने उनसे एक मासूम सवाल पूछा — “महाराज जी, आपको बचपन में सबसे ज़्यादा क्या पसंद था?”
प्यार से जवाब देते हुए, महाराज जी ने कहा कि उनकी माँ उनके लिए सबसे प्यारी थीं। उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें मिठाई बहुत पसंद थी और शुरुआती सालों में उन्हें कुश्ती खेलना पसंद था।
जब उनसे उनके पसंदीदा देवता के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने विनम्रता से जवाब दिया कि भगवान शिव उनके दिल में एक खास जगह रखते हैं।
जब एक भक्त ने उनकी सेहत के बारे में पूछा, तो महाराज जी ने धीरे से मुस्कुराते हुए एक भरोसा दिलाने वाला जवाब दिया, जो उनके शांत और पॉजिटिव नज़रिए को दिखाता है।
एक और भक्त ने एक गहरा आध्यात्मिक सवाल पूछा — “भगवान कृष्ण को कैसे पाया जा सकता है?”
इस पर, महाराज जी ने साफ़ और समझदारी से जवाब दिया, और कहा कि व्यक्ति को एक सच्चे संत की शरण लेनी चाहिए और उन्हें अपना गुरु मानना चाहिए।