Kalawa: कलावा कितने दिन तक बांधना चाहिए?

सनातन धर्म में कलावा या रक्षा सूत्र का विशेष महत्व है। इसे कई जगहों पर मौली के नाम से भी जाना जाता है।

कोई भी शुभ कार्य हो — पूजा, व्रत, हवन या मंदिर प्रवेश — कलावा बांधना एक धार्मिक परंपरा है, जिसे पीढ़ियों से निभाया जा रहा है।

 लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह कलावा कितने दिन तक बांधकर रखना चाहिए? और कब इसे उतारना उचित होता है?

कलावा एक पवित्र लाल-पीले रंग का धागा होता है जिसे पूजा-पाठ के दौरान दाहिने हाथ की कलाई पर बांधा जाता है। 

यह न सिर्फ नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा करता है, बल्कि यह शुभता और आस्था का प्रतीक भी माना जाता है।

कितने दिन तक बांधना चाहिए कलावा?: ज्योतिष और धर्मशास्त्रों के अनुसार, 21 दिनों तक कलावा बांधना सबसे उचित माना गया है।

  जब कलावा का रंग उतरने लगे या वह टूट जाए, तो उसे सावधानीपूर्वक पीपल के पेड़ या बहते जल में प्रवाहित कर देना चाहिए।

कलावा हमेशा दाहिने हाथ की कलाई पर पुरुषों द्वारा और बाएं हाथ पर स्त्रियों द्वारा बांधा जाता है। इसे पूजा या किसी शुभ कार्य से पहले पंडित या बुजुर्गों द्वारा बांधवाना सबसे शुभ होता है।

More stories

देसी लुक में नजर आईं Monalisa