5 हजार से ज्यादा एकड़ में खड़ी फसलें नष्ट
Markanda River, (आज समाज), कुरुक्षेत्र: हिमाचल प्रदेश में हो रही बारिश के कारण हरियाणा में मारकंडा नदी उफान पर है। मारकंडा नदी खतरे के निशान पर बह रही है। जलस्तर बढ़ने से कई गांवों में बाढ़ जैसे हालात बन गए है। गांवों में आना-जाना दुभर हो गया है। सड़कों पर 2 से 3 फीट तक पानी जमा हो गया है। खेतों में खड़ी फसलें डूब चुकी है। किसानों के सामने पशुओं के चारे का संकट खड़ा हो गया है।
खेतों में पानी भरने से करीब 5 हजार एकड़ में खड़ी फसलें नष्ट होने के कगार पर है। गांव कठवा के किसान विजय राणा, तंगौर के किसान ललित कुमार और जनक राज ने बताया कि साल 2023 में बाढ़ ने शाहाबाद के एरिया में तबाही मचाई थी। उससे सरकार और प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया। 2 साल के अंदर मारकंडा के पानी को रोकने के लिए स्थायी प्रबंध किए जा सकते थे।
इन 7 गांवों में घुसा पानी, कठवा में 100 फुट सड़क का हिस्सा पानी में बहा
मारकंडा नदी का जलस्तर बढ़ने से कुरुक्षेत्र के शाहाबाद के 7 गांव कठवा, कलसाना, मलकपुर, गुमटी, पट्टी जामड़ा, तंगौर और मुगल माजरा में मारकंडा का पानी पहुंच चुका है। कठवा और पट्टी जामड़ा गांव में हालात ज्यादा खराब है। कठवा में करीब 100 फुट सड़क का हिस्सा पानी में बह चुका है। यहां ग्रामीण घुटने तक पानी से होकर अपने काम पर जा रहे हैं। वहीं प्रशासन ने ग्रामीणों को पानी से दूर रहने की अपील की है।
गांव पट्टी जामड़ा में स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्र पानी में डूबे
सबसे ज्यादा खराब हालात गांव पट्टी जामड़ा में है। यहां पर हालात बेकाबू होते नजर रहे हैं। यहां का सरकारी स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्र पानी में डूबे हैं। कई घरों तक पानी पहुंच चुका है। लोग ट्रैक्टर-ट्रॉली पर बैठकर अपने गंतव्य की ओर जाने को मजबूर हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि, अभी तक शासन और प्रशासन से कोई उनके गांव तक नहीं पहुंचा है। ग्रामीणों ने अपने स्तर पर बचाव शुरू किए है।
मारकंडा नदी में बह रहा 35 हजार क्यूसेक पानी
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर के काला अंब में कल के बाद पहाड़ों में बारिश नहीं हुई है। अभी नदी में केवल 4 हजार क्यूसेक पानी बह रहा है। मुलाना (अंबाला) में गेज रीडर पवन ने बताया कि बीती रात से पानी कम होना शुरू हुआ है। अंबाला में नदी में करीब 35 हजार क्यूसेक पानी बह रहा है।
शाहबाद और पिहोवा एसडीएम हालात पर रख रहे नजर, सरपंचों को गांव में मुनादी करवाने के निर्देश
हालांकि हालात को देखते हुए प्रशासन ने सभी संवेदनशील गांवों में हाई अलर्ट घोषित किया है। एसडीएम डॉ. चिनार चहल और पिहोवा के एसडीएम अभिनव सिवाच हालात पर नजर बनाए हुए हैं। नदी के किनारे बसे गांवों में सरपंचों को मुनादी करवाने के निर्देश दिए गए हैं।
ये भी पढ़ें : यमुना खतरे के निशान से पार, आज शाम तक दिल्ली पहुंचेगा पानी