• मार्च में हृदय रोग के बाद एम्स में भर्ती कराया गया था

Jagdeep Dhankhar Resigned, आज समाज, नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पद से त्यागपत्र दे दिया है। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों को पद छोड़ने की वजह बताया और कहा कि वह अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देंगे। उन्होंने बीते कल अपना इस्तीफ़ा देर शाम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपा। जगदीप धनखड़ को मार्च में हृदय संबंधी बीमारियों के बाद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया था। पिछले महीने, कुमाऊं विश्वविद्यालय में स्वर्ण जयंती समारोह में भाग लेने के दौरान वे बेहोश हो गए थे।

अद्भुत कार्य संबंधों के लिए किया राष्ट्रपति का धन्यवाद

राष्ट्रपति को लिखे एक पत्र में 74 वर्षीय धनखड़ ने कहा, स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए, मैं संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के अनुसार, तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफ़ा देता हूं और उनका इस्तीफा तत्काल प्रभाव से लागू होगा। अपने पत्र में, उन्होंने राष्ट्रपति को उनके अटूट समर्थन और मेरे कार्यकाल के दौरान हमारे बीच बने सुखद और अद्भुत कार्य संबंधों के लिए धन्यवाद दिया।

अमूल्य अनुभवों और ज्ञान के लिए अत्यंत आभारी

उपराष्ट्रपति ने यह भी लिखा है, मैं माननीय प्रधानमंत्री और सम्मानित मंत्रिपरिषद के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करता हूं और मैंने अपने कार्यकाल के दौरान बहुत कुछ सीखा है। धनखड़ ने कहा, मुझे माननीय सांसदों से जो स्नेह, विश्वास और अपनापन मिला, वह मेरे लिए सदा अमूल्य रहेगा और मेरी स्मृति में अंकित रहेगा। मैं इस महान लोकतंत्र में उपराष्ट्रपति के रूप में मिले अमूल्य अनुभवों और ज्ञान के लिए अत्यंत आभारी हूं।

भारत के उज्ज्वल भविष्य में मेरी पूर्ण आस्था

उपराष्ट्रपति ने लिखा कि इस महत्वपूर्ण कालखंड में भारत की अभूतपूर्व आर्थिक प्रगति और असाधारण विकास का साक्षी बनना और उसमें सहभागी होना मेरे लिए गर्व और संतोष की बात रही है। हमारे राष्ट्र के इस परिवर्तनकारी युग में सेवा करना मेरे लिए एक सच्चा सम्मान रहा है। जब मैं इस प्रतिष्ठित पद को छोड़ रहा हूं, तो मैं भारत के वैश्विक उत्थान और उसकी अद्भुत उपलब्धियों पर गर्व से भर जाता हूं, और उसके उज्ज्वल भविष्य में मेरी पूर्ण आस्था है।

कार्यकाल से पहले इस्तीफा देने वाले तीसरे उपराष्ट्रपति

वकील से राजनेता बने जगदीप धनखड़ ने 2022 में विपक्षी उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हराकर वेंकैया नायडू से पदभार ग्रहण किया था वे अपना कार्यकाल पूरा करने से पहले इस्तीफा देने वाले तीसरे उपराष्ट्रपति हैं। इससे पहले, राष्ट्रपति ज़ाकिर हुसैन के निधन के बाद राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए वी.वी. गिरि ने जुलाई 1969 में उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। आर. वेंकटरमन ने राष्ट्रपति चुने जाने के बाद जुलाई 1987 में उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अगस्त 1984 से जुलाई 1987 तक उपराष्ट्रपति के रूप में कार्य किया और जुलाई 1992 तक राष्ट्रपति पद पर रहे।

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रह चुके हैं धनखड़

धनखड़ बंगाल के पूर्व राज्यपाल के रूप में अपनी भूमिका के लिए सबसे ज़्यादा जाने जाते हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ उनके लगातार टकराव ने कई सुर्खियां बटोरीं। उनकी आवाज़ अक्सर राज्य की विपक्षी भाजपा की आवाज़ से भी ज़्यादा तीखी होती थी। उनके नामांकन के अवसर पर, पीएम मोदी ने कहा था कि किसान पुत्र कहे जाने वाले इस नेता का कार्यकाल उत्कृष्ट और प्रेरणादायक होगा।

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