• लगभग 100 से 150 लोग लापता
  • मलबे के नीचे दबे होने की आशंका

Update On Uttarakhand Dharali Destruction, (आज समाज), देहरादून: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धाराली गांव में बादल फटने के कारण हुई त्रासदी का आज चौथा दिन है और अब भी लापता लोगों का पता नहीं चल सका है। वहीं गांव के आसपास के इलाकों से फंसे हुए तीर्थयात्रियों को निकालने का काम जारी है।  बताया जा रहा है कि लगभग 100 से 150 लोग अब भी लापता हैं। बादल फटने के बाद बड़े पैमाने पर पहाड़ी से मलबा आया था और इसने पूरे गांव को अपनी चपेट में ले लिया। धाराली गांव में दूर-दूर तक 25 से 50 फीट तक मलबा फैला है और लापता लोगों के इसके नीचे दबे होने की आशंका जताई जा रही है।

पूरी तरह अभियान शुरू करने में लग सकते हैं 3-4 दिन

सूत्रों की अगर मानें तो धाराली तक पहुंचकर पूरी तरह बचाव अभियान शुरू करने में तीन से चार दिन और लग सकते हैं, क्योंकि गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग और कई ग्रामीण मोटर मार्ग कई जगहों पर क्षतिग्रस्त हैं। अधिकारी हवाई मार्ग से बचाव और राहत कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। धाराली में कई एकड़ जगह पर फैले मलबे को हटाने के लिए केवल तीन जेसीबी मशीनें में हैं। मलबे के नीचे दबे लोगों को ढूंढ़ने के लिए हाईटेक मशीनरी की जरूरत है। इसके लिए थर्मल सेंसिंग उपकरण व बड़ी मशीनें होना जरूरी हैं, लेकिन सड़कें टूटी होने के कारण बड़ी व हाईटेक मशीनरी घटनास्थल तक अभी नहीं पहुंच पाई है। बताया जा रहा है कि ये उपकरण व मशीनरी धाराली गांव से लगभग 60 किलोमीटर दूर भटवाड़ी में अटकी है। 

हवाई मार्ग से पहुंचाई जा रही मशीनरी

धराली में मलबे के ढेरों को खंगालने के लिए आवश्यक उन्नत उपकरण भारतीय वायुसेना के चिनूक और एमआई-17 हेलीकॉप्टरों और उत्तराखंड नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के हेलीकॉप्टरों की मदद से घटनास्थल पर पहुंचाए जा रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि प्रभावित इलाकों में हेलीकॉप्टरों से खाद्य सामग्री भी भेजी जा रही है। 

हर्षिल से धराली के बीच सड़क मार्ग कई जगह अवरुद्ध

बता दें कि उत्तरकाशी से गंगोत्री तक एक ही सड़क मार्ग है और यही रोड धराली से होकर जाता है। हर्षिल से धराली का तीन किलोमीटर लंबा सड़क मार्ग कई जगह पूरी तरह ध्वस्त हो गया है, जिसके कारण आवाजाही पूरी तरह बंद है। मरम्मत इतनी जल्दी होना असंभव है। सूत्रों ने बताया है कि भटवाड़ी और हर्षिल के बीच एक पुल ढह गया है और इस मार्ग पर दो से तीन जगह भूस्खलन हुआ है जिसके कारण धराली गांव तक रोड खुलना अभी दूर की बात है। इसमें दो से तीन दिन लग सकते हैं।  एक अधिकारी ने बताया कि सुबह से अब तक 80 लोगों को आईटीबीपी के मातली हेलीपैड पर सुरक्षित पहुंचाया जा चुका है।

पांच अगस्त को आया था प्रलय

गौरतलब है कि धराली में इसी सप्ताह पांच अगस्त को दोपहर में बादल फट गया था, जिसके कारण पहाड़ी से भारी मात्रा में तेज गति से आए पानी व मलबा के कारण खीर गंगा नदी में बाढ़ आ गई। करीब आधे मिनट में इस विनाशकारी बाढ़ ने धराली गांव को पूरी तरह अपने आगोश में ले लिया था। घटना में अब तक 5 से 6 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। कई लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। वहीं लापता लगभग 150 लोगों की तलाश के लिए प्रयास जारी हैं।

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