खाना भी नहीं मिला, पानी किया बंद
Hisar News (आज समाज) हिसार: हरियाणा के हिसार स्थित एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में गुरुवार रात को जमकर बवाल हुआ। विवि प्रशासन की ओर से छात्राओं को गुरुवार रात को ही हॉस्टल खाली करने का फरमान सुना दिया गया। छात्राओं को मेस में खाना भी नहीं दिया गया। पानी भी बंद कर दिया गया। कुछ छात्राओं को गेट से बाहर निकाल दिया गया और छात्राओं द्वारा गुजारिश करने के बाद भी गेट नहीं खोला गया।

गुस्साई छात्राओं ने विवि प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। इस बारे में धरना दे रही छात्राओं ने बताया कि 25 जून दोपहर से ही उन पर हॉस्टल खाली कराने का दबाव बनाया जाने लगा था। कल 26 जून, गुरुवार को दोपहर लंच के बाद रात डिनर बंद कर दिया था। जबकि हमें गुरुवार को मैसेज देकर शुक्रवार तक का टाइम दिया गया था।

पुलिस के आने पर दी हॉस्टलों में एंट्री

गुरुवार रात को कुछ छात्राएं हॉस्टलों में चली गईं तो कुछ बाहर रह गईं। इसके बावजूद हॉस्टल के बाहरी ओर का गेट बंद कर दिया। जो छात्राएं अंदर थी, उनको खाना नहीं मिला। यहां तक कि बाहर से खाना अंदर देने के लिए भी गेट नहीं खोला गया। रात एक बजे तक वह खाने के लिए चिल्लाती रहीं। इसके बाद पुलिस आई। पुलिस ने यूनिवर्सिटी प्रशासन से बात की तो अंदर जाने दिया। फिर भी उन्हें खाना नहीं मिला।

एकेडमिक सेशन पूरा हो चुका है , गर्ल्स को घर जाना चाहिए: डॉ. राजबीर गर्ग

यूनिवर्सिटी के अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग ने कहा कि ये कुछ कम्युनिकेशन गेप रहा है। क्लेरीफाई कर रहे हैं। कोई न कोई व्यवस्था की जाएगी, ताकि स्टूडेंट्स को दिक्कत ना हो। हॉस्टल मैंटेनेंस भी करवानी पड़ती है। एकेडमिक सेशन पूरा हो चुका है। सभी स्टूडेंट को घर जाना चाहिए। खासकर गर्ल्स को घर जाना चाहिए। सिक्योरिटी की कौन चिंता करेगा। अभिभावकों से निवेदन है कि अपने बच्चों को लेकर जाएं। स्टूडेंट्स की जो चिंता है, उसके बारे में बात कर रहे हैं। जिसकी असल में दिक्कत मिलेगी, उसे कोई न कोई व्यवस्था करके दी जाएगी।

2 जुलाई के यूनिवर्सिटी बंद प्रोटेस्ट में छात्र भाग न लें सके इसलिए लिए खाली कराया जा रहा कैंपस

छात्र कमेटी ने बताया कि 2 जुलाई को यूनिवर्सिटी बंद की कॉल दी हुई है। इसलिए यूनिवर्सिटी प्रशासन इससे पहले कैंपस को खाली करवा रहा है, ताकि कोई छात्र प्रोटेस्ट में भाग न ले सके। इसके चलते यूनिवर्सिटी में 25 दिन के लिए लाइब्रेरी भी बंद करवा दी है, ताकि कोई छात्र यहां न ठहरे। छात्र बोले कि मैस कोआॅपरेटिव सिस्टम। हम जो फीस या प्रति डाइट रुपए देते हैं, उसी से मैस चलती है। इस महीने का पूरा चार्ज लगा है। इसके बावजूद पहले ही मैस बंद करवा दी गई।

वॉट्सऐप ग्रुप में डाला गया मैसेज

छात्राओं के वॉट्सऐप ग्रुप से यह मैसेज शेयर किए हैं, जो वार्डन निधि कंबोज के नाम से पोस्ट हुए हैं। छात्राओं का कहना है कि गुरुवार (26 जून) को पहले मैसेज सुबह 10 बजकर 35 मिनट से 10 बजकर 48 मिनट के बीच शेयर किए गए। इनमें कहा गया कि सेकेंड और थर्ड ईयर की सभी छात्राएं हॉस्टल का कमरा छोड़ते वक्त अपना सामान ले जाएं, अन्यथा कोई इसका जिम्मेदार नहीं होगा। इसे मोस्ट अर्जेंट मानने को कहा गया। पोस्ट ग्रेजुएट के स्टूडेंट्स को भी सामान ले जाने को कहा गया।

दूसरा मैसेज

यह मैसेज दोपहर में 1 बजकर 21 मिनट से 1 बजकर 54 मिनट के भीतर शेयर किए गए। जिसमें कहा गया कि कल सभी ग्रेजुएशन स्टूूडेंट्स हॉस्टल खाली कर दें और अपना सामान ले जाएं। किसी को भी हॉस्टल में रहने की इजाजत नहीं दी जाएगी। जो स्टूडेंट घर गए हुए हैं, वह भी सामान ले जाएं वर्ना हम जिम्मेदार नहीं होंगे। कल सुबह से मेस भी बंद कर दी जाएगी। पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट्स में भी सिर्फ उन्हीं को हॉस्टल में रहने की इजाजत मिलेगी, जिनके पास इसकी परमिशन है।

विपक्षी दलों ने साधा निशाना

वहीं छात्राओं के वीडियो के जरिए अब विरोधी दलों ने भी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। इनेलो नेता अभय चौटाला और कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने इस मामले में सरकार से सवाल पूछे हैं कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की बात कहने वाले छात्राओं के साथ ऐसा व्यवहार क्यों कर रहे हैं।

छात्रवृत्ति बढ़ाने की मांग से जुड़ा है मामला

यह मामला यूनिवर्सिटी में छात्रवृत्ति बढ़ाने की मांग के बाद शुरू हुए विवाद से जुड़ा है। जिसके बाद स्टूडेंट्स और यूनिवर्सिटी प्रबंधन के बीच हिंसक झड़प भी हो चुकी है। हालांकि यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि हर साल समर वेकेशन में हॉस्टल खाली कराए जाते हैं। यह कोई नए आदेश नहीं हैं।

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