Prayagraj Flood Havoc, (आज समाज), लखनऊ: गंगा और यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है और इसके कारण प्रसिद्ध तीर्थनगरी प्रयागराज में हजारों घरों में पानी प्रवेश कर गया है। शनिवार शाम चार बजे तक, नैनी में यमुना का जलस्तर 85.06 मीटर तक जबकि फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 84.96 मीटर और छतनाग में 84.32 मीटर तक पहुंच गया था।
3,955 लोग शहर में स्थापित बाढ़ राहत शिविरों में पहुंचाए
अधिकारियों के अनुसार शनिवार को प्रयागराज शहर के 40 निचले इलाकों और आठ तहसीलों के 21 गांवों के 15,000 से ज्यादा घरों में बाढ़ का पानी भर गया, क्योंकि गंगा और यमुना दोनों ही 84.73 मीटर के खतरे के निशान को पार कर गईं। अधिकारियों ने दोनों नदियों में जलस्तर के खतरे के निशाना को पार करने के बाद 989 परिवारों के 3,955 लोगों को निकालकर शहर में स्थापित 11 बाढ़ राहत शिविरों में पहुंचाया।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी मुस्तैद
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने 128 नावों और एक मोटरबोट को सेवा में लगाकर अपने घरों में फंसे निवासियों को निकाला। अधिकारियों के अनुसार, नगर निगम सीमा के अंतर्गत 80 में से 61 वार्ड प्रभावित हुए हैं, कई ग्रामीण इलाके जलमग्न बताए गए हैं। कई गांव बाढ़ के पानी के कारण कट गए हैं।
आठ तहसीलों में 97 बाढ़ राहत शिविर सक्रिय
AMD (वित्त एवं राजस्व) विनीता सिंह (Vinita Singh), ने बताया कि बाढ़ के प्रति संवेदनशील आठ तहसीलों में 97 बाढ़ राहत शिविर सक्रिय किए गए हैं। बाढ़ राहत कार्यों की नोडल अधिकारी विनीता के अनुसार राहत शिविरों में डॉक्टर 24 घंटे उपचार सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। शनिवार को कुल 242 लोगों का विभिन्न बीमारियों का इलाज किया गया, जबकि 290 लोगों को ओआरएस दिया गया।
ये भी पढ़ें : Monsoon Live: उत्तर भारत में बारिश का सिलसिला जारी, अमरनाथ यात्रा एक हफ्ता पहले समाप्त