• ‘झूठे झंडे’ की कहानी को स्वीकार करने से सुरक्षा  परिषद का इनकार
  • क्या लश्कर के पहलगाम हमले में संलिप्त होने की संभावना है: UNSC

Pakistan Criticized in UN, (आज समाज), संयुक्त राष्ट्र: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भी पाकितस्तान खिंचाई हुई। पाकिस्तान के कई देशों के समक्ष गिड़गिड़ाने के बाद 15 देशों की सुरक्षा परिषद ने सोमवार दोपहर को (भारतीय समयानुसार देर रात एक बजे) अनौपचारिक बंद दरवाजे के सत्र में एक अहम बैठक की।

बातचीत से मसले का हल निकालने का आग्रह

सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान ने ही परमाणु-सशस्त्र पड़ोसियों के बीच स्थिति पर ‘बंद दरवाजे के परामर्श’ का अनुरोध किया था। बैठक में यूएनएससी के सदस्यों ने पाकिस्तान पर कई सवाल उठाए। सदस्य देशों के राजदूतों ने दोनों देशों से बातचीत से मसले का हल निकालने का आग्रह किया। साथ ही दोनों पक्षों को संयम बरतने की सलाह भी दी। बता दें कि पाकिस्तान अभी परिषद का अस्थायी सदस्य है, जबकि भारत फिलहाल इसका सदस्य नहीं है। पाकिस्तान की मांग पर परिषद के वर्तमान अध्यक्ष ग्रीस ने बैठक के लिए पांच मई की तारीख तय की थी।

पाकिस्तान की अपील पर आयोजित की गई बैठक

पाकिस्तान की अपील पर यूएनएससी में बैठक तो आयोजित की गई, मगर बैठक में क्या हुआ, संयुक्त राष्ट्र निकाय द्वारा, अब तक इस संबंध में कोई बयान दिया गया है। 15 सदस्य देशों में से किसी देश ने भी करीब डेढ़ घंटे चली बैठक में हुए विचार-विमर्श को लेकर फिलहाल कोई बयान नहीं दिया है। इससे साफ ही पड़ोसी मुल्क का बैठक का मंसूबा भी कामयाब नहीं हुआ है।

पाकिस्तान ने शराफत का ढोंग किया, मंसूबा नाकामयाब

बताया जा रहा है कि पाकिस्तान ने हमेशा की तरह शराफत का ढोंग किया, पर सुरक्षा परिषद ने इसे कोई महत्व नहीं दिया। सूत्रों के अनुसार सदस्य देशों ने पाकिस्तानी पक्ष द्वारा लगाए गए ‘झूठे झंडे’ की कहानी को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और पूछा कि क्या पाकिस्तान के साथ गहरे संबंध रखने वाले प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के इस पहलगाम हमले में संलिप्त होने की संभावना है।

आतंकी हमले की व्यापक निंदा

सूत्रों ने कहा कि बैठक में आतंकी हमले की व्यापक निंदा की गई और जवाबदेही की जरूरत पर जोर दिया गया। कुछ सदस्यों ने विशेष रूप से धार्मिक आस्था के आधार पर पर्यटकों को निशाना बनाने का मुद्दा उठाया। कई सदस्यों ने चिंता व्यक्त की कि पाकिस्तान के मिसाइल परीक्षण और परमाणु बयानबाजी तनाव बढ़ाने वाले कारक थे।

भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि राजदूत सैयद अकबरुद्दीन

संयुक्त राष्ट्र में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने मीटिंग के कहा, पाकिस्तान का अतीत की तरह आज भी दिखावा असफल रहा। उन्होंने कहा, जैसी हमें उम्मीद थी परिषद की ओर से किसी तरह की कोई सार्थक प्रतिक्रिया नहीं आई। अकबरुद्दीन ने बताया कि भारतीय कूटनीति ने एक बार फिर यूएनएससी के दखल की मांग करने के पड़ोसी मुल्क के प्रयासों को सफलतापूर्वक नाकामयाब कर दिया है।

पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत असीम इफ्तिखार अहमद

पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत असीम इफ्तिखार अहमद ने बैठक के बाद बताया कि चर्चा के मकसदों में यूएनएससी के सदस्यों को भारत- पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव व दोनों देशों के बीच बिगड़ते सुरक्षा माहौल पर चर्चा करने के तैयार करवाने के साथ ही स्थिति से निपटने के तरीकों पर मंथन करना शामिल है। बैठक में टकराव से बचने की भी सलाह दी गई है।

स्थिति का अंतरराष्ट्रीयकरण करने के पाक के प्रयास भी विफल

पाकिस्तान ने सोमवार को चल रहे ह्लअभ्यास सिंधुह्व के हिस्से के रूप में 120 किलोमीटर की रेंज वाली फतह सीरीज की सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल का प्रशिक्षण प्रक्षेपण किया। स्थिति का अंतरराष्ट्रीयकरण करने के पाकिस्तान के प्रयास भी विफल रहे। उन्हें भारत के साथ द्विपक्षीय रूप से मुद्दों को सुलझाने की सलाह दी गई।

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