जानकारी उपलब्ध नहीं करवाने पर हुई कार्रवाई
NIILM University, (आज समाज) कैथल: हरियाणा के कैथल स्थित एनआईआईएलएम यूनिवर्सिटी के खिलाफ विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने बड़ी कार्रवाई की है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने नीलम यूनिवर्सिटी को डिफाल्टर घोषित कर दिया है। यूनिवर्सिटी के खिलाफ यह कार्रवाई अनिवार्य जानकारी उपलब्ध नहीं करवाने पर की गई।
यूनिवर्सिटी को यूजीसी एक्ट 1956 की धारा 13 के तहत अनिवार्य जानकारी उपलब्ध करवानी थी, लेकिन प्रबंधन की ओर से इस बारे में जानकारी नहीं दी गई।

वेबसाइट पर अपलोड नहीं की जानकारी

अब रिमाइंडरों का हवाला देते हुए यूजीसी ने रजिस्ट्रार द्वारा सत्यापित दस्तावेजों के साथ जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए कहा है। साथ ही संबंधित जानकारी जल्द से जल्द वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए कहा है। साथ ही कहा गया था कि भरे हुए प्रारूप और परिशिष्टों को वेबसाइट के होमपेज पर लिंक के रूप में अपलोड किया जाए, ताकि छात्र और आमजन उसे आसानी से देख सकें।

स्टूडेंट के भविष्य को लेकर जताई जा रही चिंता

वहीं नीलम यूनिवर्सिटी ने दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया। इस कारण उसे डिफॉल्टर की श्रेणी में डाल दिया गया है। यूजीसी के दिशा-निर्देशों के अनुसार हर विश्वविद्यालय को हितधारकों के लिए पारदर्शी सूचना उपलब्ध कराने हेतु एक वेबसाइट रखना अनिवार्य है। अब यूजीसी की कार्रवाई के बाद यूनिवर्सिटी के प्रबंधन पर सवाल उठने लगे हैं और स्टूडेंट के भविष्य को लेकर भी चिंता जताई जा रही है।

यूजीसी को उपलब्ध करवा दी गई थी जानकारी

यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ. राजीव कुमार ने बताया कि लेटर आने के अगले दिन ही उन्होंने सारी जानकारी उपलब्ध करवा दी थी। उसके स्क्रीन शॉट भी यूजीसी को भेजे हैं। जल्द ही कमेटी इस पर विचार कर यूनिवर्सिटी को डिफाल्टिंग से बाहर करेगी।