कहा, बेअदबी केसों में इंसाफ में रुकावट बने धड़े को हाईकमान ने बाहर का रास्ता दिखाया

Chandigarh Breaking News (आज समाज), चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में पवित्र धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी पर लाए गए बिल पर चर्चा करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता विधायक जालंधर छावनी परगट सिंह ने आम आदमी पार्टी सरकार पर सीधा हमला बोला। उन्होंने पूछा कि जब बिल को छह महीने के लिए स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजना ही था, तो फिर इतनी जल्दबाजी किस बात की थी?

परगट सिंह ने कहा कि आप सरकार जो बिल लेकर आई है, वह कांग्रेस सरकार द्वारा 2018 में पास किए गए बिल से लगभग मेल खाता है। उन्होंने माना कि कांग्रेस सरकार के समय भी न्याय में देरी हुई, लेकिन यह भी सच है कि कांग्रेस के भीतर दो विचारधाराएं थीं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि एक जो सख्त कार्रवाई चाहता था और दूसरा धड़ा, जो केसों को टालने के पक्ष में था। परगट सिंह ने कहा एक धड़ा न्याय में बाधा बन गया था। हाईकमान को विश्वास में लेकर उस गुट को बाहर का रास्ता दिखाया गया, तभी जाकर बेअदबी मामलों में कार्रवाई का रास्ता खुला।

कांग्रेस सरकार ने की थी बड़ी कार्रवाई

कैप्टन के इस्तीफे के बाद चरणजीत सिंह चन्नी के मुख्यमंत्री बनते ही आरोपी के खिलाफ चालान पेश किया गया और उसे दोषी ठहराया गया। यह पहला ठोस कदम था जो कांग्रेस सरकार ने उठाया। उन्होंने कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी संपूर्ण मानवता के गुरु हैं ऐसे मामलों में राजनीति नहीं होनी चाहिए। परगट सिंह ने कहा कि उन्होंने हमेशा अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर न्याय की मांग की है।

वर्ष 2015 के बाद जितनी भी ठोस कार्रवाई हुई है, वह केवल कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुई है। परगट सिंह ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा सहायक प्रोफेसरों की भर्ती रद्द करने के मामले में आम आदमी पार्टी सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने इन युवाओं को परीक्षा के जरिए भर्ती किया था, लेकिन आप सरकार ने अदालत में उनकी पैरवी नहीं की। जब केस हाईकोर्ट में था, तब भी इन युवाओं ने अपनी जेब से पैसे खर्च कर केस लड़ा।

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