औषधीय गुणों से भरपूर है तुलसी का पौधा
Tulsi Plant Care Tips, (आज समाज), नई दिल्ली: तुलसी का पौधा औषधीय गुणों से भरपूर भी है। हिंदू धर्म में तुलसी का विशेष महत्व है। हर घर में तुलसी की पूजा की जाती है। इसलिए पौधों को नियमित पानी, धूप, पोषण और सुरक्षा देना बहुत जरूरी है। नवंबर का महीना आते ही ठंड बढ़ने लगती है और तुलसी के पौधों की देखभाल विशेष रूप से जरूरी हो जाती है।
ठंडी हवाओं और कम तापमान के कारण तुलसी के पौधों में पत्तियां झड़ने या उनका मुरझा जाना आम समस्या बन जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार, सही देखभाल और नियमित निगरानी से आप अपने तुलसी के पौधों को स्वस्थ और हरा-भरा रख सकते हैं।
पानी और धूप
नवंबर में तुलसी को दिन में केवल 1-2 बार हल्का पानी देना पर्याप्त होता है। ध्यान रखें कि मिट्टी न तो पूरी तरह सूखी हो और न ही ज्यादा गीली। पानी देने के बाद मिट्टी का जलभराव न हो, इसके लिए निचले हिस्से में छेद वाले बर्तन का उपयोग करें। ठंड के महीने में तुलसी के पौधों को पर्याप्त धूप मिलना जरूरी है। सुबह की हल्की धूप पौधों के लिए आदर्श रहती है। कोशिश करें कि पौधा दिन में कम से कम 4-5 घंटे धूप में रहे।
खाद और कटाई छंटाई
नवंबर में तुलसी के पौधों को हल्की मात्रा में जैविक खाद दें। गोबर की खाद या कंपोस्ट का प्रयोग पौधों की जड़ों को मजबूत करने और पत्तियों की ताजगी बनाए रखने के लिए फायदेमंद है। ठंड के महीने में तुलसी के पौधों की छंटाई करना जरूरी है। मुरझाए या सूखते पत्तों को नियमित रूप से हटा दें। इससे पौधों में नई पत्तियों का विकास होता है और पौधा स्वस्थ रहता है।
ठंडी हवाओं से बचाएं
यदि मौसम बहुत ठंडा है, तो तुलसी के पौधों को घर के अंदर या किसी गर्म स्थान पर रखें। प्लास्टिक शीट या कवर का इस्तेमाल करके ठंडी हवाओं से पौधों की रक्षा की जा सकती है। अगर तुलसी के पौधों पर कीड़े लग जाएं तो रासायनिक कीटनाशकों की बजाय आॅर्गेनिक उपाय अपनाएं।
नीम का अर्क, हल्दी का पेस्ट या गोबर से बनी खाद का मिला पानी स्प्रे करने से कीट नियंत्रण में मदद मिलती है। इसके अलावा, प्रभावित पत्तियों को काटकर हटा देना भी पौधे की सेहत बनाए रखने के लिए जरूरी है।