चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने पीएम मोदी के साथ उनके आधिकारिक आवास पर की मुलाकात, मुलाकात के बाद दोनों नेताओं ने इसे बेहतरीन बताया
PM Modi News (आज समाज), नई दिल्ली भारत और चीन के बीच पिछले कई दशकों से आपसी रिश्ते ज्यादा सकारात्मक नहीं रहे हैं। समय-समय पर एक तरफ जहां दोनों देशों की सेनाएं सीमा विवाद के कारण एक दूसरे के आमने-सामने आ जाती हैं वहीं अंतरराष्टÑीय मंच पर भी चीन भारत की राह में रोड़ा अटकाता है। वहीं पिछले दिनों अमेरिका द्वारा लगाए टैरिफ के बाद दोनों देश राजनीतिक रूप से एक दूसरे के करीब आए हैं। यही कारण है कि चीन के विदेश मंत्री वांग यी इन दिनों भारत की यात्रा पर हैं। इसी दौरान उन्होंने मंगलवार शाम को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने आपसी सहयोग और रिश्तों पर खुलकर बात की।
बैठक के बाद पीएम मोदी ने यह प्रतिक्रिया दी
मीटिंग के बाद पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट में कहा, मुझे विदेश मंत्री वांग यी से मिलकर खुशी हुई। पिछले साल कजान में राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मेरी मुलाकात के बाद से भारत-चीन संबंध आपसी हितों और संवेदनशीलताओं के सम्मान के आधार पर लगातार आगे बढ़ रहे हैं। मैं एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान तियानजिन में हमारी अगली मुलाकात का इंतजार कर रहा हूं। भारत और चीन के बीच स्थिर, भरोसेमंद और रचनात्मक रिश्ते न केवल क्षेत्रीय बल्कि वैश्विक शांति और समृद्धि में भी महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
इसलिए अहम है यह मुलाकात
यह मुलाकात इसलिए अहम मानी जा रही है क्योंकि भारत और चीन अपने रिश्तों में तनाव कम करना चाहते हैं। यह बैठक उस समय हुई है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ लगा दिया है। ट्रंप अक्सर दुश्मन देशों के बीच शांति कराने का दावा करते हैं। लेकिन माना जा रहा है कि उनकी इस कार्रवाई से अनजाने में भारत-चीन रिश्तों में थोड़ा सुधार आया है। हालांकि, पहलगाम आतंकी हमले के बाद हुए आॅपरेशन सिंदूर में चीन ने पाकिस्तान का साथ दिया था, लेकिन अब नई दिल्ली और बीजिंग के रिश्तों में नरमी देखी जा रही है।
एस जयशंकर और अजीत डोभाल से भी मिले वांग यी
बहरहाल, इस मुलाकात को भारत-चीन दोनों देशों के रिश्तों को वापस पटरी पर लाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। इससे पहले, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को बातचीत की शुरूआत करते हुए कहा कि दोनों देश आगे बढ़ना चाहते हैं। उन्होंने सीमा पर शांति बनाए रखने को जरूरी बताया। साथ ही, उन्होंने एलएसी पर सैन्य ढांचे को हटाने की प्रक्रिया को पूरा करने पर जोर दिया। 2020 में सीमा पर हुई हिंसक झड़पों के बाद रिश्तों में तनाव आ गया था। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, ‘हमारे रिश्ते में एक मुश्किल दौर देखने के बाद… अब हमारे दोनों देश आगे बढ़ना चाहते हैं।
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