कहा, भारत से ज्यादा अमेरिका पर पड़ेगा उच्च टैरिफ का असर
Business News Hindi (आज समाज), बिजनेस डेस्क : अमेरिका द्वारा भारत पर लगाया गया टैरिफ सात अगस्त से लागू हो जाएगा। पिछले दिनों अमेरिकी राष्टÑपति ने भारत पर उच्च दरों में टैरिफ लगाने के साथ-साथ रूस के साथ व्यापारिक रिश्ते रखने पर जुर्माना लगाने की भी घोषणा की थी। हालांकि यह तो साफ हो गया है कि अमेरिका भारत पर 25 प्रतिशत की दर से टैरिफ लगाएगा लेकिन जुर्माने की रकम अभी तय नहीं हुई है। अमेरिका द्वारा टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद एक तरफ जहां सभी प्रमुख एजेंसियों ने इसे भारत की अर्थव्यवस्था के लिए घातक बताया है वहीं एसबीआई द्वारा जारी रिपोर्ट इसके बिलकुल विपरीत है।
एसबीआई रिसर्च रिपोर्ट में यह दावा किया गया
भारतीय निर्यात पर 25 प्रतिशत टैरिफ का असर भारत की तुलना में अमेरिका पर अधिक होगा। एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका को कम जीडीपी, उच्च मुद्रास्फीति और कमजोर डॉलर का सामना करना पड़ सकता है। एसबीआई ने कहा कि भारत पर जुमार्ने के साथ उच्च टैरिफ लगाना अमेरिका का एक बुरा व्यापारिक निर्णय है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला की रहस्यमयी शक्तियां इस झटके को अपने आप संतुलित कर सकती हैं और उच्च टैरिफ के असर को कुछ हद तक कम कर सकती हैं।
भारतीय अर्थव्यवस्था पर दिखाई देने लगा असर
अमेरिका द्वारा भारत के खिलाफ लगाए गए नए टैरिफ का असर दिखाई देना शुरू हो चुका है। अमेरिकी राष्टÑपति की टैरिफ संबंधी घोषणा के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) ने जुलाई में भारतीय बाजारों से कुल 17,741 करोड़ रुपये निकाले। एनएसडीएल के आंकड़ों से यह जानकारी मिली हैं। अप्रैल, मई और जून के दौरान लगातार तीन महीनों के सकारात्मक निवेश के बाद यह एफपीआई द्वारा नकारात्मक निवेश का पहला महीना है। जुलाई के आखिरी हफ्ते में अचानाक हुई बिकवाली के चलते धारणा में यह भारी बदलाव आया। 28 जुलाई से 1 अगस्त के बीच, विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजारों से 17,390.6 करोड़ रुपये निकाले। इससे कुल मासिक आंकड़ों पर गहरा असर पड़ा और जुलाई का निवेश नकारात्मक दायरे में चला गया।