अमेरिकी राष्ट्रपति ने कुछ अहम वस्तुओं से टैरिफ खत्म करने की घोषणा की

Business News Hindi (आज समाज), बिजनेस डेस्क : अमेरिका के दूसरी बार राष्ट्रपति बनने से पहले चुनाव प्रचार में डोनाल्ड ट्रंप ने जिस मुद्दे पर सबसे ज्यादा महत्व दिया वह था स्वर्णिम अमेरिका को वापस लाना। चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप ने जो बाइडेन के खिलाफ प्रचार करते हुए कहा कि तत्कालिक राष्ट्रपति ने ऐसे निर्णय लिए जिससे अमेरिका कर्ज में दब गया और दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के बावजूद वहां के लोग बुनियादी सुविधानों के लिए जूझ रहे हैं। इसी प्रचार के चलते डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिका का दूसरी बार राष्टÑपति बना दिया गया।

पद ग्रहण करते ही लिए बड़े फैसले

ट्रंप ने दूसरी बार पदग्रहण करते ही सबसे बड़ा फैसला टैरिफ को लेकर किया। ट्रंप ने दुनिया के सभी प्रमुख देशों के खिलाफ उच्च दर का टैरिफ लगा दिया। ट्रंप का दावा था कि ऐसा करने से हर रोज अमेरिका को अरबों डालर अतिरिक्त कमाई होगी। लेकिन जल्द ही इसके बुरे परिणाम सामने आ गए। अमेरिका में महंगाई बढ़ने लगी और लोग ट्रंप के खिलाफ हो गए। इसी विरोध के देखते हुए अब ट्रंप ने बीफ, कॉफी, ट्रॉपिकल फलों और कई अन्य कृषि उत्पादों पर लगाए गए टैरिफ को खत्म करने की घोषणा की है।

अर्द्ध वर्षीय चुनावों में मिली हार

हाल ही में हुए आॅफ-ईयर चुनावों में वर्जीनिया, न्यू जर्सी समेत कई राज्यों में मतदाताओं ने महंगाई को सबसे बड़ा मुद्दा बताया, जिसके बाद डेमोक्रेट्स ने बड़ी जीत दर्ज की थी। एयर फोर्स वन में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि हमने कुछ खाद्य पदार्थों जैसे कॉफी पर थोड़ी कमी की है। जब उनसे पूछा गया कि क्या टैरिफ से उपभोक्ता कीमतें बढ़ीं, तो उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ मामलों में ऐसा हो सकता है।

ट्रंप प्रशासन महंगाई से करता रहा इंकार

महंगाई अब भी ऊंची है, बावजूद इसके ट्रंप प्रशासन दावा करता रहा है कि टैरिफ से सरकारी आय बढ़ी और इनका कीमतों पर बड़ा प्रभाव नहीं पड़ा। दूसरी ओर, डेमोक्रेट्स ने इस कदम को ट्रंप की स्वीकारोक्ति बताया कि उनकी नीतियां अमेरिकी उपभोक्ताओं पर बोझ डाल रही हैं। वर्जीनिया के डेमोक्रेटिक प्रतिनिधि डॉन बेयर ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रम्प आखिरकार वही स्वीकार कर रहे हैं, जो हम हमेशा से जानते थे। उनके टैरिफ अमेरिकी लोगों के लिए कीमतें बढ़ा रहे हैं। बेयर ने हालिया चुनावी नतीजों को ट्रंप प्रशासन की नीतियों पर जनता की नाराजगी का संकेत बताते हुए कहा कि महंगाई को काबू करने के वादे तोड़ने पर मतदाताओं का गुस्सा झेलकर ट्रंप की करारी हार हुई है।