नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली बार्डर पर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों और सरकार के बीच बातचीत जारी है। कई दौर की बैठक हो चुकी है। आज भी किसानों और सरकार के बीच ग्यारह दौर की बातचीत हुई। हालांकि अब तक इन बैठकों का कोई नतीजा नहींनिकाला है। आज की बैठक भी बेनतीजा ही रही। आज की बैठक केबाद अगली बैठक की तारीख नहीं तय की गईहै। आंदोलनकारी किसानोंके साथ बैठक केसमय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि नए कृषि कानूनों में कोई कमी नहीं है। कानूनों को 18 महीने तक टालने के अलावा इससे बेहतर हम और कुछ नहीं कर सकते हैं। सरकार नेउन्होंने कहा कि हमने अपनी तरफ से बेहतर प्रस्ताव दिया था, अगर किसानों के पास इससे अच्छा कोई प्रस्ताव है तो उसे लेकर आएं। बता दें कि बीते 58 दिनों से किसान दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहेहैं। किसानोंकी मांग है कि कृषि कानूनों को रद्द किया जाए। अब तक कृषि कानूनोंको लेकर कोई हल नहीं निकल सका है। सरकार केसाथ आज हुई ग्यारहवें दौर की बैठक में भी किसानों ने तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की और एमएसपी पर कानून बनाने की बात की। जानकारी के अनुसार, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की तरफ से 10वें दौर की वार्ता के दौरान कानूनों के क्रियान्वयन को डेढ़ साल तक के लिए टालने का प्रस्ताव दिया था। इसको लेकर गुरुवार को हुई संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में कोई सहमति नहीं बन सकी थी। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार की तरफ से कहा गया कि 1.5 साल की जगह 2 साल तक कृषि कानूनों को स्थगित करके चर्चा की जा सकती है। उन्होंने कहा कि अगली बैठक केवल तभी हो सकती है जब किसान यूनियनें सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए तैयार हों, कोई अन्य प्रस्ताव सरकार ने नहीं दिया। राकेश टिकैत ने कहा कि योजना के अनुसार, ट्रैक्टर रैली 26 जनवरी को होगी।
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