Muslim side filed reconsideration petition in Ayodhya case: अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्ष ने दाखिल की पुनर्विचार याचिका दाखिल

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दशकों पुराने अयोध्या मामले में अपना फैसला सुनाया था। लेकिन इस मामले के हल को लेकर एक बार फिर मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे खटखटा रहा है। सोमवार को मुस्लिम पक्ष के मूल याचिकाकर्ता के प्रतिनिधियों ने पुनर्विचार याचिका दायर की। अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले आने के लगभग तीन सप्ताह बाद जमीयत-उलेमा-ए-हिंद ने पुनर्विचार याचिका दायर की। दो सौ सत्रह पन्नों की इस याचिका में याचिकाकर्ता ने संविधान पीठ के फैसले पर सवाल उठाए हैं। पुर्नविचार याचिका में मुस्लिम संगठनों का पक्ष फिर से सुने जाने की मांग की गई है। मौलाना सैयद अशद रशीदी ने बताया कि अयोध्या भूमि विवाद को लेकर पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी है। अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के खिलाफ अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के पुनर्विचार याचिका दायर करने के फैसले को आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने दोहरा मानदंड करार दिया।

उन्होंने कहा कि हिंदुओं और मुसलमानों को आगे बढ़ना चाहिए और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में काम करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित मध्यस्थता समिति के सदस्य रहे आध्यात्मिक गुरु ने कहा कि मामला काफी पहले सुलझा लिया गया होता, अगर एक पक्ष विवादित जगह पर मस्जिद बनाने पर न अड़ा रहता। भारत में मौजूदा आर्थिक संकट के संदर्भ में उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिये काफी कुछ किए जाने की जरूरत है। श्री श्री रविशंकर ने एजेंसी को दिए इंटरव्यू में कहा, ह्लहां, मैं अयोध्या पर फैसले से खुश हूं। मैं 2003 से कह रहा हूं कि दोनों समुदाय इस पर काम कर सकते हैं…एक तरफ मंदिर बनाइए और दूसरी तरफ मस्जिद। लेकिन ये जिद की मस्जिद वहीं बनानी है, उसका कोई मतलब नहीं है। श्री श्री शहर के नेताजी इंडोर स्टेडियम में लोगों को संबोधित करने पहुंचे थे, जहां उन्होंने नए कार्यक्रम व्यक्ति विकास से राष्ट्र विकास की भी घोषणा की।

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