नई दिल्ली। आईएनएक्स मीडिया केस में फंसे पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की मुश्किले कम होने के बजाय बढ़ती नजर आ रही हैं। सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की दलीलों पर अपना पक्ष रखा। जस्टिस आर. भानुमति और जस्टिस एएस बोपन्ना की बेंच चिदंबरम की अग्रिम जमानत रद्द करने के दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई कर रही है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हम लॉन्ड्रिंग पहलू के बारे में चिंतित हैं और यहां हम बहुत ही बुद्धिमान लोगों के साथ डील कर रहे हैं, क्योंकि मूर्ख लोग लॉन्ड्रिंग नहीं कर सकते। ईडी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि चिदंबरम ने शिकायत होने वाले दिन भी मनी लॉन्ड्रिंग की थी। बता दें कि कोर्ट ने मंगलवार को चिदंबरम की गिरफ्तारी पर एक दिन के लिए रोक बढ़ा दी थी। चिदंबरम ने मंगलवार को मनी लांड्रिंग (पीएमएलए) मामले में सुप्रीम कोर्ट से अग्रिम जमानत मांगते हुए कहा कि इस कानून के तहत जो आरोप उन पर लगाए गए हैं, वे घटित होने की तिथि के बाद पीएमएलए कानून में शिड्यूल अपराध घोषित हुए हैं। सुनवाई के दौरान अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी थी कि चिदंबरम को ऐसे मामले का सरगना कहा जा रहा है, जो 2007-08 में जुर्म था ही नहीं। उन्होंने कहा था कि मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट में संशोधन 2009 में किया गया, जबकि चिदंबरम पर लगे आरोप 2007-08 के हैं। इस दौरान कपिल सिब्बल ने कहा कि हमें ईडी की जांच की प्रतिलिपि उपलब्ध कराई जाए।
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