जानें खरीदारी का शुभ मुहूर्त, क्या खरीदना शुभ होगा?
Dhanteras, (आज समाज), नई दिल्ली: आज धनतेरस का त्योहार मनाया जाएगा। धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा होती है और इस दिन लोग अपने घरों में नया सामान खरीदते हैं। धनतेरस के दिन झाड़ू से लेकर सोने-चांदी तक के सामान खरीदे जाते हैं। लेकिन धनतेरस के दौरान शुभ मुहूर्त देखकर ही सामान की खरीदारी करनी चाहिए। इस बार ब्रह्म योग और त्रिग्रहीय संयोग से इस पर्व का महत्व बढ़ गया है।

इस दिन मां लक्ष्मी, कुबेर और धनवंतरि की पूजा की जाती है। खरीदारी के लिए दोपहर तीन बजे से शाम छह बजे तक का समय शुभ है। तांबे, पीतल के बर्तन और झाड़ू खरीदना शुभ माना जाता है, जबकि तेल और हल्दी खरीदने से बचना चाहिए। धनतेरस पर 13 दीयों का विशेष महत्व है।

त्रिग्रहीय संयोग

आज त्रयोदशी तिथि दोपहर 1.22 बजे लग जाएगी। शनि प्रदोष, ब्रह्म योग और तुला राशि में सूर्य, बुध और मंगल का संचरण होने से त्रिग्रहीय संयोग बन रहा है। तुला राशि व्यापार की प्रतीक है। उसमें जगत की आत्मा सूर्य का संचरण होगा। सूर्य उद्योग, उत्थान, तेज, शक्ति के प्रतीक भी हैं। इससे धनतेरस का महत्व बढ़ गया है।

दोपहर तीन बजे से करें खरीदारी

दोपहर तीन से शाम छह बजे तक लाभ व अमृत योग बन रहा है। इसमें खरीदारी करना चाहिए। इसके बाद शाम 7.30 से रात नौ बजे तक शुभ योग रहेगा। खरीदारी के लिए यह भी उपयुक्त समय है।

पीतल-तांबे के बर्तन की करें खरीदारी

कार्तिक कृष्णपक्ष की त्रयोदशी तिथि पर देव व असुरों के बीच समुद्र मंथन हुआ था। समुद्र मंथन में आयुर्वेद के प्रवर्तक धनवंतरि व मां लक्ष्मी का प्राकट्य हुआ। इसी कारण धनतेरस पर धनवंतरि की जयंती भी मनाई जाती है। इसमें नई वस्तुएं खरीदने का विधान है। शनिवार का दिन होने के कारण तांबा और पीतक के बर्तनों उससे बनी देव मूर्तियों को खरीदना चाहिए। सोने-चांदी के सिक्के, आभूषण व उससे बनी देव मूर्तियों, रत्न खरीदना शुभकारी रहेगा।

दरिद्रता भगाने को खरीदें झाड़ू

धनतेरस पर झाड़ू जरूर खरीदना चाहिए। झाड़ू मां लक्ष्मी का प्रतीक मानी जाती है, क्योंकि वो घर से दरिद्रता रूपी गंदगी को साफ करती है। झाड़ू खरीदने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। जबकि तेल, हल्दी व चना की दाल नहीं खरीदना चाहिए।

13 दीयों का है विशेष महत्व

धनतेरस की शाम घर के अंदर और बाहर दीया जलाने की परंपरा है। इससे वर्षभर सुख-समृद्धि और सौभाग्य बना रहता है। धनतेरस पर 13 दीयों का विशेष महत्व है जिन्हें अलग-अलग स्थानों पर जलाना चाहिए।

  • एक दीया यम देवता के निमित्त जलाना चाहिए।
  • मां लक्ष्मी के निमित्त दीया जलाना आवश्यक है।
  • घर के मुख्य द्वार के दोनों तरफ दो दीये जलाने की परंपरा है।
  • तुलसी के पास एक दीया अवश्य जलाना चाहिए।
  • घर की छत पर एक दीया रखना चाहिए
  • इसके अलावा सात दीया पीपल के वृक्ष के नीचे, मंदिर में जलाना चाहिए।