भगवान कृष्ण, चंद्र देव और पितरों को समर्पित है अगहन अमावस्या
Margshirsha Amavasya, (आज समाज), नई दिल्ली: मार्गशीर्ष अमावस्या, जिसे अगहन अमावस्या भी कहते हैं। यह हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है। यह भगवान कृष्ण, चंद्र देव और पितरों को समर्पित है। पितृ दोष से मुक्ति और पितरों के आशीर्वाद के लिए यह दिन बहुत शुभ माना जाता है। कहते हैं कि अमावस्या की रात को किया गया कोई भी उपाय तुरंत फल देता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल मार्गशीर्ष अमावस्या 20 नवंबर, दिन गुरुवार को मनाई जाएगी। आइए इस तिथि से जुड़े कुछ खास उपाय जानते हैं।
क्यों महत्वपूर्ण है मार्गशीर्ष अमावस्या की रात?
मार्गशीर्ष महीना भगवान श्रीकृष्ण का महीना माना जाता है। अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित होती है। जब किसी व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष होता है, तो उसे वंश वृद्धि, धन हानि, विवाह में बाधा और संतान से जुड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। अमावस्या की रात, विशेषकर मार्गशीर्ष की अमावस्या, पितरों को प्रसन्न करने के लिए सबसे उत्तम मानी गई है। इसलिए इस दिन विभिन्न तरह के धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं।
रात में करें ये चमत्कारी उपाय
- पीपल वृक्ष की पूजा और दीपक: अमावस्या की रात पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का एक चौमुखा दीपक जलाएं। दीपक जलाने के बाद, बिना पीछे मुड़े अपने घर वापस आ जाएं। पीपल के पेड़ को पितरों का निवास स्थान माना जाता है। इस उपाय को करने से पितृ खुश होते हैं और अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
- तर्पण और दान: अगर हो पाए तो अमावस्या के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करें। साथ ही रात के समय किसी गरीब या ब्राह्मण को काले तिल, अन्न, या वस्त्र का दान करें। पितरों के निमित्त किया गया दान पितृ दोष को शांत करने में बहुत मदद करता है।
- घर के मुख्य द्वार पर दीपक: मार्गशीर्ष अमावस्या की रात को घर के मुख्य द्वार पर एक दीपक जलाएं। ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा नहीं आ पाती है। इसके साथ ही घर में सुख-शांति बनी रहती है।
- श्रीमद्भागवत गीता का पाठ: रात के समय घर के मंदिर में बैठकर श्रीमद्भागवत गीता के 11वें अध्याय का पाठ करें। यह पाठ पितरों को मोक्ष प्रदान करने वाला और उनकी आत्मा को शांति देने के लिए बहुत फलदायी माना जाता है।