पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों से पिस्तौल भी किया बरामद
Amritsar Crime News (आज समाज), अमृतसर : पंजाब के सरहदी सूबे आजकल भीषण बाढ़ की चपेट में हैं। हर तरफ पानी है और लोगों व सरकार को अरबों रुपए की आर्थिक हानि होने की संभावना है। लेकिन इन विकट परिस्थितियों में भी नशा तस्कर अपने इस गैर कानूनी धंधे में जुटे हुए हैं। वहीं प्रदेश की पुलिस भी इनपर कड़ी नजर रखे हुए है। इसी कड़ी के चलते अमृतसर कमिश्नरेट पुलिस ने सरहद पार से चल रहे संगठित हथियार और हवाला नेटवर्क में शामिल तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। यह जानकारी पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने दी।
इस तरह है आरोपियों की पहचान
डीजीपी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान अमृतसर के गांव कोट मेहताब निवासी हरप्रीत सिंह (23), तरनतारन के गांव सुरसिंह निवासी गुरपाल सिंह (21) और तरनतारन के गांव वायरिंग निवासी रणजोध सिंह (33) के रूप में हुई है। पुलिस टीमों ने 2.02 किलोग्राम हेरोइन, चार पिस्तौल — एक ग्लॉक और तीन .30 बोर पिस्तौल, 3.5 लाख रुपये हवाला मनी और आरोपियों की मोटरसाइकिल बरामद की है।
ड्रोन से मंगवा रहे थे नशीले पदार्थ
डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि यह गिरोह पाकिस्तान से हेरोइन और हथियारों की तस्करी करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करता था और पंजाब के सरहदी इलाकों में सक्रिय था। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि गिरफ्तार आरोपी हरप्रीत सिंह और गुरपाल सिंह, जो पहले मलेशिया गए थे, सरहद पार के तस्करों के संपर्क में थे। डीजीपी ने कहा कि थाना गेट हकीमा में मामला दर्ज किया गया है और इस मामले में आपसी संबंधों और नेटवर्क का पूरी तरह खुलासा करने के लिए आगे की जांच की जा रही है।
पुलिस ने इस तरह हासिल की कामयाबी
पुलिस कमिश्नर (सीपी) अमृतसर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने कार्रवाई के विवरण साझा करते हुए बताया कि आरोपी हरप्रीत और गुरपाल को पहले मोटरसाइकिल सहित 220 ग्राम हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया गया था। उनकी निशानदेही पर पुलिस टीमों ने एक निर्धारित स्थान से 1.8 किलोग्राम और हेरोइन तथा दो .30 बोर पिस्तौल बरामद किए। उन्होंने बताया कि जांच से खुलासा हुआ है कि हरप्रीत वर्ष 2023 में मलेशिया गया था और सात महीने बाद वापस आया था, जबकि गुरपाल वर्ष 2022 में मलेशिया गया और 2023 में लौटा। वे मलेशिया में एक-दूसरे को नहीं जानते थे, लेकिन दोनों पाकिस्तान आधारित एक तस्कर के संपर्क में थे और उसी के निर्देश पर उन्हें खप मुहैया करवाई जाती थीं।