ऑपरेशन सिंदूर में बहस में हिस्सा लेते हुए सदन में बोले राज्य सभा सांसद

Parliament session live (आज समाज), नई दिल्ली। हरियाणा से राज्य सभा सांसद कार्तिकेय शर्मा ने ऑपरेशन सिंदूर पर बुधवार को बहस के दौरान सदन में अपना वक्तव्य देते हुए कहा कि यह नया भारत है, अब डाकिए नहीं भेजे जाते हैं। अब दुश्मन के पास मिसाइल जाती है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने सेना के साहस को पूरे विश्व को दिखाया है। यह मोदी का आत्मनिर्भर भारत है।

राज्य सभा सांसद कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि चंद लोग ऑपरेशन सिंदूर को लेकर देश में नकारात्मक माहौल बना रहे हैं। सब अपनी राजनीति चमकाने के लिए गलत हथकंडे अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपनी बात रखने से पहले मैं पहलगाम हमले में अपनी जान गंवाने वाले हरियाणा के सपूत लेफ्टिनेंट विनय नारवाल जी को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। साथ ही उन सभी निर्दोष लोगों को श्रद्धासुमन अर्पित करता हूं, जिन्होंने पहलगाम में अपनी जान गंवाई।

सदन मिलकर देश के जवानों का हौसला बढ़ाए

सांसद ने कहा कि सदन में इस चचा र्का उद्देश्य यह नहीं है कि सरकार विपक्ष के कुछ लोगों को यकीन दिलाए कि ऑपरेशन सिंदूर एक बड़ा सफल अभियान रहा है। इसका उद्देश्य यह है कि यह सदन मिल कर देश के वीर जवानों के हौसले और उनकी कार्यशैली को सलामी दे। ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से पूरी दुनिया को यह संदेश गया है कि राष्ट्र की संप्रभुता की तरफ जो आंख उठाकर देखेगा, उसे भारत छोड़ेगा नहीं। उन्होंने कहा कि सदन में यह बहस इंडी और एनडीए के बीच का नहीं है।

यह वीरता और आतंक तथा भारत और पाकिस्तान के बीच का है। हमने अपने पड़ोसियों की ओर कई बार दोस्ती का हाथ बढ़ाया, लेकिन उन्होंने उस हाथ को हर बार काटा। सकैड़ों बार यह सोचा कि अपने पड़ोसियों को साथ लेकर चलें ताकि इस क्षेत्र में विकास, शांति और समृद्धि कायम रहे। लेकिन आतंक को पालने वाले उस देश को यह पसंद नहीं आई।

सांसद ने शास्त्रों का दिया उदाहरण

सांसद कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि हमारे शास्त्रों में कहा गया है अहिसा परमो धर्म: धर्म हिंसा तथैव च। अर्थात जब धर्म की रक्षा के लिए हिंसा आवश्यक हो, तो वह भी धर्म ही है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य आपरेशन नहीं था। यह एक सभ्य राष्ट्र की चेतावनी थी कि हम भगवान बुद्ध की भूमि ही नहीं बल्कि भगवान परशुराम की भूमि भी हैं। संयम ही हमारा संस्कार है। लेकिन अगर कोई हमारी शक्ति को चनौती देगा तो उसे इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़गी। पाकिस्तान ने केवल पहलगाम की कायरता की कीमत नहीं चुकाई, बल्कि हमने सिर्फ 23 मिनट में पिछले कई दशकों में हुए आतंकवादी हमलों का बदला ले लिया, वो भी सूद समेत।

मात्र 23 मिनट में दुश्मन को औकात दिखाई

उन्होंने कहा कि महज 23 मिनट में हमारे जवानों ने, हमारी सेनाओं ने जो आग बरसाई, उसने पाकिस्तान में पनप रहे आतंकवाद की फैक्ट्री को पूरी तरह से नष्ट कर दिया। सिर्फ इतना ही नहीं, जब पाकिस्तान की सेना भारत पर हमले की तैयारी करी तो हमारी सेना ने न सिर्फ रोका बल्कि उसका भी माकूल जवाब दिया और अंदर घुसकर पाकिस्तान के एअर बेस नष्ट कर दिए। इस नए युग के भारत में याचना नहीं होती, रण होता है। अब हम डोजियर नहीं भेजते, मिसाइल भेजते हैं, ड्रोन भेजते हैं।

वो भी स्वनिर्मित। कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर और उसकी सफलता पर सवाल उठाने वालों को खुद से पूछना चाहिए कि जब कार्रवाई का समय आया तो उन्होंने क्या किया? जब देश आतंकवादी हमलों से जूझ रहा था, तब उन्होंने क्या किया? आज जब यह सरकार ढूंढू-ढूंढकर आतंकियों को मार रही है तो कुछ लोग सरकार के साथ खड़े होने की जगह संशय पैदा कर देश को बरगलाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष यह कहता रहा कि भारत इस मुद्दे पर कुटनीतिक रूप से फेल है। जबकि सच्चाई कुछ और ही थी।

भारत को करीब 190 देशों का समर्थन मिला

उन्होंने कहा कि 193 देशों में से 4 को छोड़कर सभी देशों ने समर्थन दिया। ब्रिक्स, क्वाड, भारतीय ओलंपिक क्षेत्र जैसे प्रमुख अंतरराष्ट्रीय समूहों ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाई को उचित ठहराते हुए समर्थन दिया। सुरक्षा परिषद ने हमले की निंदा की और आतंकवाद से बचाव के भारत के अधिकार का समर्थन किया। इतना ही नहीं, अमेरिका ने हाल ही में पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार संगठन टीआरएफ को एक आतंकवादी संगठन घोषित किया है।

उन्होंने कहा कि विपक्ष ने हल्ला मचाया कि भारत को अतिरिक्त क्षति हुई। पाकिस्तान ने कई विमान मार गिराए। जबकि सच्चाई यह है कि हमने पाकिस्तान के 11 हवाई अड्डे, कई हवाई जहाज, उनकी पूरी वायु रक्षा प्रणाली नष्ट कर दी, 100 से ज्यादा आतंकवादियों को मार गिराया। 9 आतंकी शिविरों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया और भारतीय रक्षा बलों का प्रकोप और शक्ति पाकिस्तान के क्षेत्र में 100 किलोमीटर तक फैला दी। दुनिया भर में हर आतंक समर्थक के मन में डर पैदा हो गया है।

पाकिस्तान की तरफ से आई युद्ध रोकने की अपील

उन्होंने कहा कि विपक्ष ने यह आरोप लगाया कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने युद्धविराम की मध्यस्थता की और इसका दो दर्जन से ज्यादा बार जिÞक्र किया। जबकि हकीकत यह है कि विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री ने आधिकारिक तौर पर कहा है कि युद्धविराम की अपीलें पाकिस्तान से भारत तक डीजीएमओ के सामान्य चैनल के जरिए आईं। पाकिस्तान के हवाई ठिकानों को तबाह करने से रोकने का अनुरोध पाकिस्तान से भारत तक तब आया जब हमारी सेनाओं ने उनके हमले को पूरी तरह से नाकाम कर दिया और पूरी ताकत और सटीकता से जवाबी कार्रवाई की।

उन्होंने कहा कि विपक्ष कह रहा है कि अभी भी सभी आतंकवादियों का खात्मा नहीं हुआ है। जबकि सच्चाई यह है कि सेना ने सोमवार को ऑपरेशन महादेव के तहत पहलगाम हमले में शामिल शेष तीन आतंकवादियों को मार गिराया। कुल 10 सूचीबद्ध आतंकवादियों का सफाया किया गया है, जिनमें से 8 आतंकवादी कांग्रेस सरकारों के दौरान हुए हमलों में शामिल थे। कुछ लोग यह भी पूछ रहे हैं कि क्या सबूत है कि ये आतंकवादी पाकिस्तान से थे? इसका जवाब है मारे गए आतंकवादियों के मतदाता पहचान पत्र। उनकी बंदूकें, चॉकलेट का आवरण और अन्य सबूत बताते हैं कि वे पाकिस्तान से हैं।

उन्होंने कहा कि अटल जी से प्रेरणा लेकर मैं पाकिस्तान की नापाक ताकतों से कहना चाहूंगा कि चीन और तुर्किए के शस्त्रों सेअपनी आजादी को दुनिया में कायम रख लोगे, यह मत समझो। आईएमएफ और एक बिलियन डालर लेकर आने वाली बरबादी से तुम बच लोगे, यह मत समझो। अंत में उन्होंने नवाज देवबंदी के शब्दों में पाकिस्तान को चेतावनी दी कि

जलते घर को देखने वालों फूस का छप्पर आपका है
आपके पीछे तेज हवा है आगे मुकद्दर आपका है।