अमरूद के पेड़ों को ठंड और पाले से बचाना जरूरी
Guava Farming, (आज समाज), नई दिल्ली: भारत के उत्तर राज्यों में सर्दियों का मौसम जैसे-जैसे बढ़ता जाता है, अमरूद के बागों की देखभाल चुनौती बन जाती है। पाला, अधिक ठंड और नमी की कमी से पौधों की ग्रोथ और फलों की गुणवत्ता दोनों प्रभावित होती हैं। ऐसे में किसानों के लिए जरूरी है कि वे समय पर सही कदम उठाएं। कई बार ऐसा भी होता है कि सही जानकारी ना होने कि वजह से किसान देखभाल नहीं कर पाते जिस वजह से काफी नुकसान होता है। आइए जानें कुछ आसान और सटीक उपाय, जिन्हें अपनाकर किसान सर्दियों में भी अमरूद का बेहतर उत्पादन ले सकते हैं।

ठंड और पाले से बचाव सबसे जरूरी

  • सर्दियों में अमरूद के पौधों को सबसे ज्यादा खतरा पाले और ठंडी हवा से होता है।
  • नवंबर-दिसंबर में हल्की सिंचाई जरूर करें, इससे मिट्टी की नमी बनी रहती है और तापमान बहुत नीचे नहीं जाता।
  • पौधों के तने के पास सूखी घास या पुआल की मल्चिंग कर दें। यह जड़ों को ठंड से बचाती है और मिट्टी को गर्म रखती है।
  • छोटे पौधों को पुआल, बोरी या टाट से ढक दें। इससे वे ठंडी हवा के सीधे संपर्क में नहीं आएंगे।

सिंचाई का सही प्रबंधन

  • सर्दियों में पौधों को पानी की जरूरत कम होती है, लेकिन मिट्टी को बिल्कुल सूखने नहीं देना चाहिए।
  • पाले की संभावना होने पर शाम के समय हल्की सिंचाई कर दें। इससे रात में तापमान स्थिर रहता है।
  • पानी की अधिकता से बचें, क्योंकि इससे जड़ों को नुकसान हो सकता है।
  • ड्रिप सिंचाई का उपयोग करने से पानी की मात्रा नियंत्रित रहती है।

उर्वरक और पोषक तत्वों की सही मात्रा

  • ठंड में पौधों की ग्रोथ धीमी हो जाती है, इसलिए सही पोषक तत्वों का प्रबंधन जरूरी है।
  • सर्दियों की शुरूआत में पोटाश का छिड़काव करें।  पोटाश पौधों की ठंड सहने की क्षमता बढ़ाता है और फल की गुणवत्ता सुधारता है।
  • पौधों की जड़ों के पास हल्की गुड़ाई करके वर्मी कंपोस्ट या अच्छी सड़ी हुई गोबर खाद डालें। इससे पौधे मजबूत रहते हैं और उनकी ग्रोथ बनी रहती है।

धूप का विशेष ध्यान

  • सर्दियों में धूप कम मिलती है, इसलिए पौधों को खुली और धूप वाली जगह पर रखना जरूरी है।
  • बड़े पेड़ों की अनावश्यक शाखाओं की छंटाई कर दें, ताकि धूप जमीन तक पहुंच सके।
  • फलों की तुड़ाई के बाद हल्की छंटाई कर देने से पौधा नई फसल के लिए तैयार रहता है।

सर्दियों के बाद की तैयारी

  • सर्दियों के अंत में पौधों की स्थिति का अवलोकन करें।
  • अगर किसी शाखा में ठंड से नुकसान दिखे, तो उसे काटकर हटा दें।
  • जैसे ही तापमान बढ़ना शुरू हो, पौधों में नियमित सिंचाई और पोषक तत्व देना फिर से शुरू कर दें।