तामसिक भोजन जैसे मांस, मछली, अंडा, प्याज और लहसुन आदि के सेवन से भी बचें
Pitru Paksha Niyam, (आज समाज), नई दिल्ली: पितृ पक्ष का समय पूर्वजों को स्मरण करने और उनकी आत्मा की शांति के लिए समर्पित माना जाता है। इस दौरान श्रद्धा और पिंडदान के जरिए हम अपने पितरों को तर्पण करते हैं और उनकी आत्मिक तृप्ति की कामना करते हैं। इस साल पितृ पक्ष की शुरूआत 7 सितम्बर से हो चुकी है और इसका समापन 21 सितम्बर को रहेगा। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, इन 15 दिनों में पूर्वज धरती पर आते हैं और अपने वंशजों का कुशलक्षेम देखते हैं।

इसलिए माना जाता है कि इस समय हर क्रिया सोच-समझकर करनी चाहिए, जैसे कि इस समय कुछ चीजों को खरीदना वर्जित माना जाता है। कुछ मान्यताओं में यह भी कहा गया है कि यदि इन नियमों का पालन न किया जाए, तो पितरों की कृपा में बाधा आ सकती है। आइए जानते हैं कि पितृ पक्ष के दौरान कौन-कौन सी चीजें नहीं खरीदनी चाहिए।

गहने और नए कपड़े

पितृ पक्ष को विलासिता से दूर रहने का समय माना जाता है। इसलिए इस दौरान सोने-चांदी के गहनों या महंगे आभूषणों की खरीदारी वर्जित होती है। इसके साथ ही नए कपड़े पहनना या खरीदना भी अशुभ माना गया है। इन दिनों सादगीपूर्ण वेशभूषा अपनाना और साधारण कपड़े पहनना ही उचित होता है।

जमीन-जायदाद और वाहन

इस दौरान नया मकान, जमीन, दुकान या कोई भी प्रॉपर्टी खरीदना शुभ नहीं माना जाता। यही नियम वाहन खरीदने पर भी लागू होता है। धार्मिक मान्यता है कि इस समय खरीदी गई प्रॉपर्टी या गाड़ी परिवार में पितृदोष को बढ़ा सकती है और घर में अशांति का कारण बन सकती है।

नए बर्तन को न खरीदे

श्राद्धकर्म या तर्पण के लिए घर के पुराने बर्तनों या पत्तलों का उपयोग करना ही श्रेष्ठ होता है। पितृ पक्ष में नए बर्तन खरीदने से नकारात्मक प्रभाव बढ़ता है, इसलिए इस अवधि में नए बर्तन लेना उचित नहीं है।

रसोईघर से जुड़ा सामान

रसोईघर की कुछ चीजें, जैसे सरसों का तेल, झाड़ू और नमक, पितृ पक्ष में खरीदना वर्जित माना गया है। ऐसा करने से घर में अनावश्यक कलह और परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं। शास्त्रों के अनुसार, इन वस्तुओं को पितृ पक्ष शुरू होने से पहले ही खरीदकर रख लेना चाहिए।

इलेक्ट्रॉनिक सामान

टीवी, फ्रिज, कंप्यूटर, वॉशिंग मशीन जैसे इलेक्ट्रॉनिक सामान या अन्य भोग-विलास से जुड़ी वस्तुओं की खरीदारी से परहेज करना चाहिए। माना जाता है कि यह समय आत्मिक शांति और तर्पण का है, न कि भौतिक सुख-सुविधाओं में निवेश का।

यह भी वर्जित

  • इस दौरान विवाह, सगाई या अन्य मांगलिक आयोजन करना वर्जित है।
  • इस समय तामसिक भोजन जैसे मांस, मछली, अंडा, प्याज और लहसुन आदि के सेवन से भी बचें।
  • जितना संभव हो धार्मिक कार्य करें और ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  • दूसरों के प्रति अपमानजनक व्यवहार न रखें और बड़ों का सम्मान करें।

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