उन 68 संदिग्ध मोबाइल नंबर पर टिकी पुलिस की जांच, लाल किला के आसपास एक्टिव थे नंबर, पाकिस्तान और तुर्किये से भी आई कॉल
Delhi Blast Case Update (आज समाज), नई दिल्ली : एक सप्ताह पहले राजधानी दिल्ली के ऐतिहासिक स्थल लाल किले के पास हुए बम धमाके ने भारतीय खूफिया और सुरक्षा एजेंसियों को भी ललकारा था। इस फिदायीन हमले में 12 लोगों की मौत हो गई थी जिनमें हमलावर भी शामिल थे। बम धमाके के बाद सुरक्षा एजेंसियां हरकत में आ गई और मामले की तेजी से जांच की। इस जांच के बाद धमाके की सभी कड़ियां मिल चुकी हैं और इस पूरे मॉडयूल का पर्दाफाश हो चुका है। अब दिल्ली पुलिस की जांच उन मोबाइल नंबरों पर टिक गई है जो धमाके के समय वहां पर एक्टिव थे।
पुलिस ने मोबाइल टॉवर से डंप डाटा उठाया
लाल किला के पास हुए बम धमाके की जांच के दौरान पुलिस को कुछ चौकाने वाले सुराग मिले हैं। सूत्रों के मुताबिक अभी तक की जांच में पता चला है कि कुल 68 संदिग्ध मोबाइल नंबर सुनहरी बाग पार्किंग और बम धमाके वाली जगह पर एक्टिव थे। यही 68 मोबाइल नंबर अब जांच का केंद्र बन गए हैं। सूत्रों का कहना है कि इन नंबरों पर पाकिस्तान और तुर्किये से कॉल आई थीं। पाकिस्तान और तुर्किये से आने वाली कॉल, इंटरनेट रूटिंग और विदेशी सर्वर से जुड़ रहे फोन पर विशेष निगरानी शुरू कर दी है।
धमाके के बाद पुलिस ने सुनहरी बाग और लाल किला के पास मोबाइल टॉवर से डंप डाटा उठाया। उसकी मदद से कई तकनीकी जानकारियां सामने आई हैं। अब जांच उसके आधार पर आगे बढ़ाई जा रही है। सूत्र बताते हैं कि संदिग्ध नंबरों पर धमाके से ठीक पहले भारतीय नेटवर्क पर असामान्य डेटा-स्पाइक्स (डाटा का आदान-प्रदान हुआ) दर्ज कराया गया। सबसे अहम जानकारी विस्तृत फोन-मैपिंग के जरिये मिली है। डॉ. उमर की कार सुनहरी बाग पार्किंग में तीन घंटे से अधिक समय तक खड़ी रही उस दौरान उसके 30 मीटर के दायरे में 187 फोन नंबर सक्रिय पाए गए।
बांग्लादेश की राजधानी ढाका में बनी थी योजना
धमाके की जांच में जुटी सुरक्षा एजेंसियों को पूछताछ के छठे दिन यह सबूत मिले थे कि इस धमाके की प्लानिंग बांग्लादेश में हुई थी। यहीं नहीं जांच में यह भी सामने आया है कि आतंकियों की एक टीम पश्चिमी बंगाल के रास्ते देश में घुसे थे। हालांकि यह भी स्पष्ट हो चुका है कि इस हमले के पीछे पाकिस्तानी आतंकवादी गुट लश्कर-ए-तैयबा का हाथ था।
लेकिन इस बार यह योजना पाकिस्तान में नहीं बल्कि ढाका में बैठकर बनाई गई थी। सूत्रों की मानें तो लाल किला बम धमाके से पहले बांग्लादेश में एक गुप्त मीटिंग हुई थी। पाकिस्तान आधारित लश्कर-ए-तैयबा कमांडर सैफुल्लाह सैफ ने ढाका में हिज्ब-उल-तहरीर के हैंडलरों, प्रतिबंधित अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) के सदस्यों, एक विस्फोटक विशेषज्ञ और दो बांग्लादेशी सरकारी अधिकारियों के साथ बैठक में हिस्सा लिया था। इसी बैठक में भारत में हमलों के निर्देश जारी किए गए थे।