कहा-मेल ट्रेनर के साथ कंफर्टेबल महसूस नहीं करती हैं महिलाएं
(आज समाज), चंडीगढ़: हरियाणा महिला आयोग की अध्यक्ष रेणू भाटिया ने खेल विभाग को एक लेटर भेजा है। लेटर में उन्होंने हरियाणा की सभी सरकारी व प्राइवेट जिमों में लेडी ट्रेनर रखे जाने की मांग की है। लेटर में महिलाओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए हरियाणा के सभी जिलों में सरकारी और निजी जिम में महिला जिम ट्रेनर की नियुक्ति सुनिश्चित करने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। इसके पीछे उन्होंने तक दिया कि जिम में महिलाएं मेल ट्रेनर के साथ कंफर्टेबल महसूस नहीं करती हैं।
आयोग को कई शिकायतें मिली हैं, जिनमें बताया गया है कि महिला प्रशिक्षकों या सहायक कर्मचारियों की अनुपस्थिति के कारण कई महिलाओं को जिम और फिटनेस सेंटरों में असुविधा, झिझक और कुछ मामलों में अनुचित व्यवहार का सामना करना पड़ता है। उनकी सुरक्षा और आराम के लिए यह जरूरी है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग यह फैसला पहले ही ले चुका है। उसी की तर्ज पर हरियाणा में भी इस दिशा में काम शुरू हो चुका है।
खेलों और फिटनेस गतिविधियों में बढ़ेंगी महिलाओं की भागेदारी
लेटर में लिखा गया है कि यह उपाय न केवल सुरक्षा और माहौल की भावना सुनिश्चित करेगा, बल्कि खेलों और फिटनेस गतिविधियों में महिलाओं की अधिक भागीदारी को भी प्रोत्साहित करेगा। रेणू भाटिया ने लेटर में लिखा- खेल विभाग से अनुरोध है कि सभी संबंधित पक्षों को आवश्यक निर्देश जारी करें, ताकि पब्लिक और निजी फिटनेस सेंटरों में इस आवश्यकता का अनुपालन शीघ्र सुनिश्चित किया जा सके।
एनआईएफटी में दोस्तों के साथ शराब और सिगरेट पीती है छात्राएं
वहीं मंगलवार को हरियाणा राज्य महिला आयोग की टीम पंचकूला स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ फैशन टेक्नोलॉजी (एनआईएफटी) में छेड़छाड़ के एक केस में जांच करने पहुंची थी। अध्यक्ष रेनू भाटिया छात्राओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर होकर जब पुलिस से बातचीत कर रही थीं, तो एक महिला पुलिसकर्मी ने उनसे पूछा कि देर रात जब ये छात्राएं लड़कों के साथ शराब पी रही होती हैं तो उस समय क्या किया जाए? क्योंकि इसके बाद वे शराब के नशे में ही फ्लैट और हॉस्टल जाती हैं।
छात्राएं बोली- इसमें क्या गलत है?
इस पर महिला आयोग की अध्यक्ष पहले तो हैरान हुईं और फिर छात्राओं से ही इस बारे में पूछ लिया। तभी 2 छात्राएं आगे आईं और बोलीं कि अगर वे दोस्तों के साथ शराब-सिगरेट पीती हैं तो इसमें क्या गलत है? भाटिया ने छात्राओं को समझाते हुए कहा कि बेटा, वे ऐसे में लिबर्टी लेते हैं। ऐसे ही हालात में आगे चलकर अपराध की घटनाएं होती हैं, जिसके बाद पुलिस और आयोग की जिम्मेदारी बन जाती है।
खुद को 18 प्लस बताते हुए पुलिस कर्मियों को देती है ज्ञान
आयोग को पुलिस टीम ने बताया कि कैंपस के आसपास के एरिया में अक्सर लड़कियां शराब पीती हैं। इतना ही नहीं, जब इन लड़कियों को रोका जाता है तो वे खुद को 18 प्लस बताते हुए उन्हें ही उल्टा ज्ञान देने लग जाती हैं, लेकिन इनकी सुरक्षा के लिए पुलिस रात भर चक्कर काटती रहती है।
भविष्य में छात्राओं का कराया जाएगा मेडिकल
चंडीमंदिर थाना एसएचओ रामपाल सिंह ने बताया कि उनकी टीमें रात को भी गश्त करती हैं, लेकिन रात के समय पीसीआर व राइडर टीम के सामने ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिसका जिक्र महिला पुलिसकर्मी ने आयोग अध्यक्षा के समक्ष किया था। रात के समय बेटियों को भी खुद थोड़ा ध्यान रखना चाहिए। अगर भविष्य में कोई स्टूडेंट शराब के नशे में मिला तो उसका मेडिकल करवाया जाएगा।
हॉस्टल में शराब के नशे में पकड़ी जा चुकी छात्रा
एनआईएफटी के निदेशक अमन ग्रोवर ने कहा कि ऐसे मामलों में पहली बार पकड़े जाने पर 10 हजार रुपए जुर्माना है और दूसरी बार में ऐसे स्टूडेंट को रेस्टिकेट करने का प्रावधान है। एक छात्रा शराब के नशे में हॉस्टल आई थी, तो उस पर जुर्माना लगाने के साथ ही परिवार को सूचित किया गया था।
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