Vice President C. P. Radhakrishnan पहुंचे ब्रह्माकुमारीज संस्थान, धर्म के पालन पर दिया ज़ोर, बोले – मन को जीतना ही सफलता का प्रथम सूत्र

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Vice President C. P. Radhakrishnan पहुंचे ब्रह्माकुमारीज संस्थान, धर्म के पालन पर दिया ज़ोर, बोले - मन को जीतना ही सफलता का प्रथम सूत्र
Vice President C. P. Radhakrishnan पहुंचे ब्रह्माकुमारीज संस्थान, धर्म के पालन पर दिया ज़ोर, बोले - मन को जीतना ही सफलता का प्रथम सूत्र

Vice President C. P. Radhakrishnan, (आज समाज), नई दिल्ली:  भारत के ऋषियों, मुनियों और तपस्वियों की साधना ने विश्व को ध्यान, आत्मबल और सत्य के मार्ग पर अग्रसर किया है। राजयोग, विपस्सना और तपस्या जैसी समृद्ध आध्यात्मिक परंपराएं आज भारत को विश्व गुरु बना रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 के संकल्प में भी यही आध्यात्मिक शक्ति राष्ट्र का मार्गदर्शन कर रही है। उक्त बातें भारत के उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति सी. पी. राधाकृष्ण ने गुरुग्राम जिले के बहोड़ा कलां स्थित ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के ओम शांति रिट्रीट सेंटर (ORC) में आयोजित रजत जयंती वर्ष “शुभारंभ–रश्मियां” कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कही।

Vice President C. P. Radhakrishnan पहुंचे ब्रह्माकुमारीज संस्थान, धर्म के पालन पर दिया ज़ोर, बोले - मन को जीतना ही सफलता का प्रथम सूत्र

अपने अंदर सेवा-भाव नहीं अपनाते, तब तक मन की शांति संभव नहीं

भारत के माननीय उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति, श्री सी. पी. राधाकृष्णन के हरियाणा आगमन पर हरियाणा के कैबिनेट मंत्री राव नरबीर ने उनका स्वागत किया। उप राष्ट्रपति ने ब्रह्माकुमारीज संस्थान के रजत रश्मियां नाम से मनाए जाने वाले रजत जयंती वर्ष का शुभारंभ करते हुए कहा कि धर्म का पालन ‘शांति और विजय’ दोनों देता है। मन को जीतना ही सफलता का प्रथम सूत्र है और यही गीता का संदेश है। जब तक हम अपने अंदर सकारात्मकता, विनम्रता और सेवा-भाव नहीं अपनाते, तब तक मन की शांति संभव नहीं। उन्होंने तमिल परंपरा के महान कवि तिरुवल्लुवर के विचार साझा करते हुए कहा कि, कवि ने कहा है – मन में लाखों विचार आते हैं, पर जीवन का अगला क्षण भी निश्चित नहीं।

ध्यान और आध्यात्मिक शांति हर मनुष्य की आवश्यकता

इसलिए चिंता नहीं, बल्कि सद्कर्म, सद्भाव और समाज-सेवा ही मनुष्य को सच्ची शांति प्रदान करते हैं। ध्यान पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि ध्यान आत्मा, मन और शरीर को गहन शांति प्रदान करता है। ध्यान की अवस्था में सकारात्मक विचार उत्पन्न होते हैं, जिससे एक आंतरिक ऊर्जा का संचार होता है। इसी ध्यान की अनुभूति के बीच, समाज के विभिन्न क्षेत्रों, जैसे एविएशन, चिकित्सा, विज्ञान, प्रशासन, सामाजिक सेवा और राजनीति से आए हुए व्यक्तित्वों से परिचय हुआ, जो इस बात का प्रमाण है कि ध्यान और आध्यात्मिक शांति हर मनुष्य की आवश्यकता है।

ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना

उप राष्ट्रपति ने कहा कि कोविड महामारी  जिक्र करते हुए कहा कि इस दौर में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा विश्व के अनेक देशों को निःशुल्क वैक्सीन उपलब्ध कराना भारत की “वसुधैव कुटुम्बकम” की सनातन भावना का एक श्रेष्ठ उदाहरण है। खुद के लिए जीते हुए भी सबके लिए जीने की यही मानवीय सोच भारत को वैश्विक शांति, करुणा और मानवता का मार्गदर्शक बनाती है। उप राष्ट्रपति ने ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा मानवहित में किए जा रहे कार्यों और उनकी उपलब्धियों की सराहना भी की।

Vice President C. P. Radhakrishnan पहुंचे ब्रह्माकुमारीज संस्थान, धर्म के पालन पर दिया ज़ोर, बोले - मन को जीतना ही सफलता का प्रथम सूत्र

यह संस्थान आज लाखों लोगों के जीवन में सेवा-भाव का संचार कर रहा

वहीं हरियाणा के कैबिनेट मंत्री राव नरबीर ने कहा कि यह कार्यक्रम न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण रहा, बल्कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने की प्रेरणा भी देता रहा। ओम शांति रिट्रीट सेंटर पिछले 24 वर्षों से समाज को शांति, आत्मबल और आध्यात्मिक जागरूकता के मार्ग पर अग्रसर कर रहा है। यह संस्थान आज लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मकता, संस्कार और सेवा-भाव का संचार कर रहा है।

आध्यात्मिक विरासत ही हमारी सबसे बड़ी शक्ति

कार्यक्रम के दौरान माननीय उपराष्ट्रपति  ने आध्यात्मिकता, मानवीय सद्भाव, पर्यावरण संरक्षण और “वसुधैव कुटुम्बकम” की भावना पर अपने प्रेरक विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा और आध्यात्मिक विरासत ही हमारी सबसे बड़ी शक्ति है, जो पूरे विश्व को शांति और मानवता का संदेश देती है। उन्होंने कहा कि मैं ब्रह्माकुमारी परिवार को इस अवसर पर हार्दिक बधाई देता हूँ और कामना करता हूँ कि यह संस्थान आगे भी इसी प्रकार समाज को सकारात्मक दिशा, ऊर्जा और आध्यात्मिक प्रकाश प्रदान करता रहे।

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