आरबीआई ने कहा, राजनीतिक तनाव और अमेरिका की टैरिफ नीति को लेकर जारी अनिश्चितताओं का पड़ा विपरीत असर
Business News Today (आज समाज), बिजनेस डेस्क : भारत सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद अमेरिका की नई टैरिफ नीति का देश की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। हालांकि अमेरिका ने भारत के खिलाफ अभी नई टैरिफ दरों की घोषणा नहीं की है लेकिन अमेरिका भारत पर लगातार व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए दबाव डाल रहा है।
हालांकि भारत अमेरिका के इस दबाव के सामने घुटने टेकने की बजाय अपनी शर्तों पर अड़ा हुआ है। अब देखना यह होगा की भारत और अमेरिका के बीच एक अगस्त से पहले इस व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर होते हैं या फिर अमेरिका भारत पर भी नई टैरिफ दरें लागू करेगा। लेकिन इस सब के बीच भारतीय रिजर्व बैंक ने एक चौकाने वाली रिपोर्ट जारी की है।
आरबीआई ने अपनी रिपोर्ट में यह कहा
भारतीय रिजर्व बैंक के बुलेटिन में कहा गया कि भू-राजनीतिक तनाव और टैरिफ नीति अनिश्चितताओं के बीच जून-जुलाई के दौरान भारत की आर्थिक गतिविधियां ठप रहीं। जुलाई बुलेटिन में ‘अर्थव्यवस्था की स्थिति’ पर एक लेख में कहा गया है कि भू-राजनीतिक तनावों और टैरिफ नीति अनिश्चितताओं के बीच जून और जुलाई में अब तक वैश्विक वृहद आर्थिक वातावरण अस्थिर बना हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि खरीफ कृषि मौसम की संभावनाओं में सुधार, सेवा क्षेत्र में मजबूत गति जारी रहने तथा औद्योगिक गतिविधि में मामूली वृद्धि के साथ घरेलू आर्थिक गतिविधि में तेजी बनी हुई है।
खुदरा मुद्रा स्फीति पांचवें माह 4 प्रतिशत से नीचे
इसमें कहा गया है कि खाद्य कीमतों में गिरावट के कारण जून में लगातार पांचवें महीने खुदरा मुद्रास्फीति 4 प्रतिशत से नीचे रही। इसके अलावा, नीतिगत दरों में कटौती का लाभ ऋण बाजारों तक तेजी से पहुंचाने के लिए प्रणालीगत तरलता अधिशेष में बनी रही। इसमें कहा गया है कि पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार और मध्यम बाह्य ऋण-जीडीपी अनुपात के कारण बाह्य क्षेत्र लचीला बना हुआ है। हालांकि, केंद्रीय बैंक ने कहा कि बुलेटिन लेख में व्यक्त विचार लेखकों के हैं और भारतीय रिजर्व बैंक के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।
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