• परस्पर सम्मान और गहरे विश्वास पर टिके ये संबंध समय की कसौटी पर हमेशा खरे उतरे

PM Modi, (आज समाज), नई दिल्ली:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “आज भारत और रूस के 23 वीं शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। उनकी यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब हमारे द्विपक्षीय संबंध कई ऐतिहासिक मील के पत्थर के दौर से गुजर रहे हैं। ठीक 25 वर्ष पहले राष्ट्रपति पुतिन ने हमारी रणनीतिक साझेदारी की नींव रखी थी। 15 वर्ष पहले 2010 में हमारे साझेदारी को विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक का दर्जा मिला। पिछले ढाई दशक से उन्होंने अपने नेतृत्व से इन संबंधों को निरंतर सिंचा है।

ये संबंध समय की कसौटी पर हमेशा खरे उतरे

हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने आपसी संबंधों को नई ऊंचाई दी है। भारत के प्रति इस गहरी मित्रता और अटूट प्रतिबद्धता के लिए मैं राष्ट्रपति पुतिन का आभार व्यक्त करता हूं।’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ” पिछले आठ दशकों में विश्व में अनेक उतार चढ़ाव आए हैं। मानवता को अनेक चुनौतियों और संकटों से गुजरना पड़ा है और इन सबके बीच भी भारत-रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है। परस्पर सम्मान और गहरे विश्वास पर टिके ये संबंध समय की कसौटी पर हमेशा खरे उतरे हैं।

निर्यात, सह-उत्पादन और सह नवाचार के नए दरवाजे भी खुलेंगे

आज राष्ट्रपति पुतिन और मुझे भारत-रूस व्यापार मंच में शामिल होने का अवसर मिलेगा। मुझे पूरा विश्वास है कि ये मंच हमारे व्यापार संबंधों को नई ताकत देगा। इससे निर्यात, सह-उत्पादन और सह नवाचार के नए दरवाजे भी खुलेंगे। दोनों पक्ष यूरेशियन इकॉनॉमिक यूनियन के साथ FTA के शीघ्र समापन के लिए प्रयास कर रहे हैं। कृषि और फर्टिलाइजर के क्षेत्र में हमारा करीबी सहयोग खाद्य सुरक्षा और किसान कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है। मुझे खुशी है कि इसे आगे बढ़ाते हुए अब दोनों पक्ष साथ मिलकर यूरिया उत्पादन का प्रयास कर रहे हैं।”

भारत के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर बनेंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ” अब हम भारत के नाविक की ध्रुवीय जल में ट्रेनिंग के लिए सहयोग करेंगे। यह आर्कटिक में हमारे सहयोग को नई ताकत तो देगा ही, साथ ही इससे भारत के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर बनेंगे। उसी प्रकार से जहाज निर्माण में हमारा गहरा सहयोग मेक इन इंडिया को सशक्त बनाने का सामर्थ्य रखता है। यह हमारे विन-विन सहयोग का एक और उत्तम उदाहरण है, जिससे नौकरियां, कौशल और क्षेत्रीय संपर्क सभी को बल मिलेगा।

ऊर्जा सुरक्षा भारत–रूस साझेदारी का मजबूत और महत्वपूर्ण स्तंभ रहा

ऊर्जा सुरक्षा भारत–रूस साझेदारी का मजबूत और महत्वपूर्ण स्तंभ रहा है। असैन्य परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में हमारा दशकों पुराना सहयोग, स्वच्छ ताक़त की हमारी साझा प्राथमिकताओं को सार्थक बनाने में महत्वपूर्ण रहा है। हम इस विन-विन सहयोग को जारी रखेंगे। महत्वपूर्ण खनिज में हमारा सहयोग पूरे विश्व में सुरक्षित और dविविध आपूर्ति श्रृंखलाएँ सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। इससे स्वच्छ ऊर्जा, उच्च तकनीक विनिर्माण और नए युग के उद्योग में हमारी साझेदारी को ठोस समर्थन मिलेगा।”

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