- दरगाह के पास ही भगवान शिव का मंदिर है, जो इस जगह को बनाता है सांप्रदायिक एकता का प्रतीक
Nau Gaja Peer, (आज समाज), चंडीगढ़ : पंचकूला-चंडीगढ़ बॉर्डर पर मौजूद सिंह द्वारा के पास नौ गजा पीर बाबा की दरगाह पर पीला पंजा चलाया गया। बताया जा रहा है कि पंचकूला चंडीगढ़ बॉर्डर पर मौजूद गजा पीर बाबा की दरगाह जो 9 मरले का एरिया अवैध सरकारी जमीन पर बनाया गया था उसे ध्वस्त किया गया। मौके पर प्रशासन और पुलिस की तैनाती की गई। प्रशासन ने बताया कि कुल 15 मरले हैं, जिसमें से 9 मरले अवैध कब्जा है। उसको हटाया गया और 6 मरले की जगह छोड़ी गई है।
9 मरले अवैध कब्जा हटाया जा रहा
यह कार्रवाई पीएमडीए विभाग द्वारा की जा रही है, बता दें कि अवैध कब्जे को लेकर पंचकूला कोर्ट में केस चल रहा था, जिसमें केस हार गए जिसके चलते 9 मरले अवैध कब्जा हटाया जा रहा है। इस मौके पर टाउन एंड कंट्री प्लानिंग, हॉर्टिकल्चर विभाग,बिजली विभाग और पंचकूला पुलिस मौके पर तैनात रही। जानकारी के अनुसार पंचकूला चंडीगढ़ बॉर्डर पर हॉर्टिकल्चर विभाग की जमीन पर अवैध कब्जा किया गया था, जिसके बाद विभाग कोर्ट में गया और पाया गया की 9 मरले अवैध कब्जा किया गया है, जिसे आज हटाया गया, जबकि 6 मरले जगह जो दरगाह की है वह छोड़ी गई है।
नौ गजा पीर एक लोकप्रिय दरगाह
उल्लेखनीय है कि सिंह द्वारा के पास नौ गजा पीर एक लोकप्रिय दरगाह है, जो हरियाणा और पंजाब की सीमा के पास, नेशनल हाईवे 1 पर स्थित है। इसे ‘घड़ी वाले बाबा’ भी कहते हैं क्योंकि श्रद्धालु यहां घड़ियाँ चढ़ाते हैं। यह जगह हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक है क्योंकि यहाँ एक ही स्थान पर एक पीर की मज़ार और एक शिव मंदिर है। नौ गजा पीर, जिसका मतलब है नौ गज (लगभग 27 फीट) लंबा, क्योंकि संत की लंबाई इसी के बराबर मानी जाती है।
श्रद्धालु अपनी मन्नत पूरी होने पर यहां चढ़ाते हैं घड़ियाँ
दरगाह के पास ही भगवान शिव का मंदिर है, जो इस जगह को सांप्रदायिक एकता का प्रतीक बनाता है। श्रद्धालु अपनी मन्नत पूरी होने पर यहां घड़ियाँ चढ़ाते हैं। ऐसा माना जाता है कि इससे यात्राएं सुरक्षित और समय पर पूरी होती हैं। दरगाह की देखरेख रेडक्रॉस द्वारा की जाती है। यहां चढ़ाई गई घड़ियों को बेचकर होने वाली आय से दरगाह की देखभाल और सेवादारों का वेतन दिया जाता है। यह स्थान अम्बाला-दिल्ली नेशनल हाईवे पर है और इसे हरियाणा सरकार ने पर्यटन स्थल का दर्जा दिया है।