पंचकूला निवासी अरविंदर सेठ दायर की जनहित याचिका, आज होगी सुनवाई
Haryana Doctors Strike, (आज समाज), चंडीगढ़: हरियाणा में सरकारी डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। पंचकूला निवासी अरविंदर सेठ ने हाईकोर्ट में हड़ताल के खिलाफ जनहित याचिका दाखिल की है। याचिका पर आज सुनवाई होगी। याचिका में कहा गया सरकारी अस्पताल राज्य में मेडिकल सुविधाओं की रीढ़ हैं, लेकिन अपनी मांगों को लेकर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों के डाक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं।
इस निर्णय के चलते प्रदेश में मेडिकल सुविधाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। बता दें कि सीनियर मेडिकल आॅफिसर की सीधी भर्ती समेत अन्य मांगों को लेकर डॉक्टरों ने बुधवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया। इससे पहले, 8 और 9 दिसंबर को डॉक्टर हड़ताल पर रहे थे। सरकार से बातचीत न होने पर डॉक्टरों ने यह अनिश्चितकालीन हड़ताल करने का निर्णय लिया।
2543 डॉक्टरों की ड्यूटी लगी
वहीं सरकार ने हड़ताल के असर को खत्म करने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि डॉक्टरों की हड़ताल को देखते हुए गत 9 दिसंबर को सरकार द्वारा कुल 2543 वैकल्पिक डॉक्टरों की व्यवस्था की गई, जिसमें लगभग 456 डॉक्टर डीएमईआर से, 424 आयुष विभाग से, 67 ईएसआई से, 50 आयुष्मान भारत पैनल अस्पतालों से और 639 एनएचएम से हैं, जिन्होंने राज्य के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कीं।
डॉक्टरों की 3 मांगें सरकार मान चुकी
डाक्टरों की हड़ताल को लेकर मुख्यमंत्री नायब सैनी का बयान आया है। सीएम ने कहा है कि डॉक्टरों की मुख्यत: 4 मांगें थीं, जिनमें से 3 मांगें सरकार मान चुकी है। एसएमओ की सीधी भर्ती पर रोक लगा दी गई है। हालांकि, एसीपी संरचना में बदलाव पर फिलहाल रोक है।
सीएम सैनी ने कहा कि एसएमओ की सीधी भर्ती न करने की मांग पर फिलहाल सरकार ने रोक लगा दी है। अन्य राज्यों में इस संबंध में चल रही व्यवस्थाओं का अध्ययन किया जा रहा है और रिपोर्ट आने तक प्रदेश में एसएमओ की सीधी भर्ती स्थगित रहेगी।
सरकार की ओर से कोई प्रस्ताव नहीं आया
हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के प्रधान डॉ. राजेश ख्यालिया का कहना है कि डीजी सरकार से बात चल रही होगी, हमारी सरकार के स्तर पर कोई बातचीत नहीं हुई है। अभी हमें कोई न्योता नहीं मिला।
डॉ. राजेश ख्यालिया ने बताया कि एस्मा एक आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम है। हमारी लड़ाई भी इसी सेवा को बेहतर बनाने के लिए है। हम चाहते हैं कि डॉक्टर यहां आएं और उनकी कमी दूर हो। हम यह भी चाहते हैं कि हमें पदोन्नति मिले। अभी तक सरकार की ओर से कोई प्रस्ताव नहीं आया है।