ग्रेप चार के नियम लागू करने के बाद भी नहीं बदले हालात, विशेषज्ञों ने माना वर्तमान में वाहनों के धुंए से फैल रहा सबसे ज्यादा प्रदूषण

Delhi Pollution Update (आज समाज), नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण सबसे बड़ी समस्या बनता जा रहा है। प्रदेश सरकार इससे निपटने के लिए अपने स्तर पर हर संभव प्रयास कर रही है लेकिन प्रदूषण से राहत नहीं मिल पा रही। एक्यूआई लगातार 450 से 500 के बीच बना हुआ है। जिससे लोगों को सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली सरकार ने ग्रेप चार तक की पाबंधियां लगा दी है लेकिन इससे भी कोई विशेष असर दिखाई नहीं दिया। नतीजा यह हो रहा है कि दिल्ली और इसके आसपास के एरिया में प्रदूषण की एक मोटी परत वायुमंडल में बन चुकी है जिससे एक्यूआई लगातार बिगड़ रहा है।

आज से लागू होंगी ये नई पाबंधिया

दिल्ली में आज से केवल बीएस-6 मानक वाले वाहनों को ही प्रवेश की अनुमति दी गई है। पेट्रोल पंपों पर बिना वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसी) के ईंधन देने पर रोक लगाने की खबर के बीच बुधवार सुबह से ही पेट्रोल पंपों पर पीयूसी जांच कराने वालों की लंबी कतार लग गईं। हालांकि, तकनीकी खामियों के कारण कई पंपों पर सर्वर डाउन हो गया, जिससे जांच बाधित रही और लोगों की परेशानियां बढ़ गईं। हालात को संभालने के लिए पेट्रोल पंपों पर अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात किया गया।

प्रदूषण पर यह बोले वातावरण विशेषज्ञ

सरकार का दावा है कि पिछले साल की तुलना में इस साल कई महीनों में एक्यूआई बेहतर रहा, लेकिन नवंबर-दिसंबर में स्थिति बिगड़ी है। विशेषज्ञों का दावा है कि पीयूसी अनिवार्य करना और पुराने वाहनों पर रोक सही दिशा में कदम है। हालांकि, लागू करने में तकनीकी और प्रशासनिक चुनौतियां सामने आ रही हैं। दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए लागू सख्त पाबंदियों के बीच पंजीकृत निर्माण मजदूरों को सरकार ने जो 10 हजार रुपये की सहायता देने की घोषणा की है वह उन्हें ही मिलेगी जिनका काम ग्रैप-3 और ग्रैप-4 के चलते बंद हुआ है। यह रकम सीधे उन पंजीकृत मजदूरों के खाते में जाएगी जिनका रोजगार इन पाबंदियों के कारण रुका है। दिल्ली के श्रम मंत्री कपिल मिश्रा ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह घोषणा की।

प्रदूषण की वजह से व्यापार पर पड़ा असर

दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण का असर अब कारोबार पर दिखने लगा है। प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंचते ही राजधानी के बाजारों में ग्राहकों की संख्या तेजी से घट गई है। चैंबर आॅफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) के चेयरमैन बृजेश गोयल ने बताया कि हवा की गुणवत्ता खराब होने की खबरें टीवी, अखबार और सोशल मीडिया पर आते ही लोग बाहर निकलने से बचने लगे हैं। इसका सीधा असर दुकानों की बिक्री पर पड़ा है और बाजारों में साफ तौर पर मंदी देखी जा रही है।

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