शीतकालीन विधानसभा सत्र में पेश किया जाएगा बिल
Save Drinking Water Law Haryana, (आज समाज), चंडीगढ़: हरियाणा में पानी की बर्बादी रोकने को लेकर सरकार सख्त हो गई है। अब जनस्वास्थ्य विभाग एक कानून बनाने की तैयारी में है, कानून के तहत जुर्माने और सजा का प्रावधान होगा। बिल इसी शीतकालीन विधानसभा सत्र में पेश किया जाएगा और इसे हरियाणा में लागू किया जाएगा।
विभाग का कहना है कि जिस प्रकार से नहरी पानी की चोरी रोकने और बिजली चोरी रोकने पर कानूनी प्रक्रिया अमल में लाई जाती है, उसकी प्रकार से अब पेयजल पानी पर भी जनस्वास्थ्य विभाग एक्ट आने पर कार्रवाई करने का अधिकार रख सकेगा। नए एक्ट में खुले छोड़ने वालों, अवैध कनेक्शन लेने वालों, पानी का बिल जमा नहीं करवाने वालों पर सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
जलभराव वाले एरिया को किया गया चिह्नित
वहीं हरियाणा के जनस्वास्थ्य मंत्री रणबीर गंगवा ने बताया कि उनके विभाग के अंडर आने वाली जल भराव वाली जगहों को चिह्नित किया गया है। जल्द ही उन स्थानों पर विभाग की टीमें सुधार करते हुए नजर आएंगी। गंगवा ने बताया कि नई कॉलोनियों को लेकर भी उन्होंने निर्देश दिए हैं कि 30 साल आगे की प्लानिंग के साथ सीवरेज लाइन दबाई जाए तथा पेयजल सप्लाई का इंतजाम भी उसी तरीके से किया जाए।
महाग्राम योजना के तहत सीवरेज लाइन दबाने और एसटीपी बनाने की दिशा में किया जा रहा काम
एसटीपी संबंधित सवाल पर गंगवा ने कहा कि 10 हजार से ज्यादा आबादी वाले गांव को इससे जोड़ा जा रहा है। प्रदेश में ऐसे 124 गांव चिह्नित किए गए हैं। जिनमें से 17 गांव में काम पूरा हो चुका है और 30 गांव में अभी काम चल रहा है। महाग्राम योजना के तहत इन गांवों में सीवरेज लाइन दबाने और एसटीपी बनाने की दिशा में काम आगे बढ़ रहा है।
आईआईटी रूड़की के इंजीनियर ने पढ़ाया जलभराव से बचने का पाठ
जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ विभागीय कार्यों में सुधार के लिए चर्चा की गई है। जिसमें प्रदेश भर से 22 जेई, 22 एसडीओ, 14 एक्सईएन शामिल हुए हैं। जिन्हें आईआईटी रूड़की के इंजीनियर ने जलभराव से बचने के तरीकों पर समझाया। इसके अलावा पेयजल आपूर्ति की वेस्टेज रोकने के तौर-तरीकों पर भी मीटिंग में चर्चा हुई।