Relu Ram Punia Murder Case, (आज समाज), चण्डीगढ़ : हरियाणा के चर्चित रेलू राम पूनिया हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व विधायक रेलू राम पूनिया की बेटी सोनिया और दामाद संजीव कुमार की समयपूर्व रिहाई की मांग को पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने स्वीकार कर ली है। हालांकि उनकी रिहाई की मांग पर कई सवाल उठते रहे है और यह मामला चर्चा का विषय बना रहा, क्योंकि यह एक बड़ा और सनसनीखेज हत्याकांड था। पुलिस जांच में सामने आया था कि इस हत्याकांड को अंजाम देने से पहले परिवार को खीर में कोई नशीला पदार्थ भी खिलाया गया था।
एक नज़र मामले पर
बता दें कि यह मामला 23 अगस्त 2001 का है, जिसमें विधायक रेलूराम पुनिया सहित परिवार के आठ लोगों की हत्या कर दी गई थी। इस सनसनीखेज हत्याकांड का आरोप विधायक पुनिया की बेटी सोनियां और उनके दामाद संजीव पर ही लगा था। जानकारी मुताबिक 23 अगस्त 2001 की रात रेलू राम पूनिया के लिटानी फार्म हाउस में एक पारिवारिक गेट टू गेदर था। रात का खाना खाकर जब परिवार के सभी आठों सदस्य सो गए तो सोनिया ने किसी हथियार से सभी की हत्या कर दी थी। इस वारदात में पूर्व विधायक रेलू राम पूनिया (50), उनकी पत्नी कृष्णा देवी (41), बच्ची प्रियंका (14), सुनील (23), बहू शकुंतला (20), पोता लोकेश (4) और दो पोतियों शिवानी (2) तथा 45 दिन की प्रीति की हत्या कर दी गई थी।
हिसार कोर्ट ने संजीव-सोनिया को फांसी की सजा सुनाई थी
इस मामले में 2004 में हिसार कोर्ट ने संजीव और सोनिया को फांसी की सजा सुनाई थी, जिसे 2007 में सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा, लेकिन बाद में 2014 में दया याचिका में देरी का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था। वहीं संजीव की तरफ से ये दलील दी गई थी कि संजीव 20 साल से अधिक वास्तविक सज़ा काट चुका है, जबकि छूट आदि जोड़ने पर यह अवधि 25 वर्ष 9 माह से अधिक बनती है। वहीं सोनिया भी 28 वर्ष से अधिक सजा काट चुकी है। याचिका में कहा गया कि दोषी करार दिए जाने के समय लागू हरियाणा समय पूर्व नीति 2002 के तहत दोनों ही रिहाई के पात्र हैं।
ये भी पढ़ें: NIA Lucknow की पांच सदस्यीय टीम ने रोहतक की कमल कॉलोनी में दी दस्तक, मचा हड़कंप