रुपए के कमजोर स्तर का मिलेगा फायदा, भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की रहेगी अहम भूमिका

Business News Today (आज समाज), बिजनेस डेस्क : बदलती वैश्विक व्यापार परिस्थितियों और अमेरिकी टैरिफ के दबाव के बावजूद नंवबर भारतीय व्यापार जगत के लिए बड़ी खुशखबरी लेकर आया है। दरअसल नवंबर में भारत ने निर्यात के मामले में पिछले 10 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। नुवामा की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश का व्यापार घाटा निकट से मध्यम अवधि में नवंबर के मौजूदा स्तरों के आसपास ही बना रह सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय रुपए की कमजोरी निर्यात और आयात के बीच के अंतर को नियंत्रण में रखने में मददगार साबित हो सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 में अब तक भारत के कुल निर्यात प्रदर्शन में नरमी बनी हुई है।

नवंबर में व्यापार घाटे में हुआ सुधार

नवंबर के व्यापार आंकड़ों में वस्तु व्यापार घाटे में तेज सुधार देखने को मिला। यह 17 अरब डॉलर घटकर 25 अरब डॉलर पर आ गया। इसकी मुख्य वजह सोने के आयात में भारी गिरावट रही। अक्तूबर में जहां सोने का आयात 15 अरब डॉलर था, वहीं नवंबर में यह घटकर सिर्फ 4 अरब डॉलर रह गया। तेल और सोने को छोड़कर कोर ट्रेड डेफिसिट भी 4 अरब डॉलर घटकर 10 अरब डॉलर पर आ गया।

रिपोर्ट में बताया गया कि भले ही निर्यात में फिलहाल सुस्ती है, लेकिन रुपये के कमजोर होने से भारतीय उत्पाद विदेशी बाजारों में सस्ते होते हैं, जिससे समय के साथ निर्यात को सहारा मिल सकता है। साथ ही, आयात महंगा होने से उसमें भी कुछ हद तक कमी आ सकती है। नतीजतन, निकट से मध्यम अवधि में व्यापार घाटा नियंत्रण में रहने की संभावना है।

अक्टूबर में आई थी गिरावट, नवंबर में हुई रिक्वरी

नवंबर में माल निर्यात में भी मजबूत उछाल दर्ज किया गया। निर्यात साल-दर-साल आधार पर 19 फीसदी बढ़ा, जबकि अक्तूबर में इसमें 12 फीसदी की गिरावट आई थी। दूसरी ओर, मर्चेंडाइज आयात की वृद्धि दर नवंबर में घटकर 2 फीसदी रह गई, जो अक्तूबर में 17 फीसदी थी। हालांकि, तीन महीने के मूविंग एवरेज के आधार पर आयात में 11 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई। कोर आयात 12 फीसदी बढ़े, जो इलेक्ट्रॉनिक्स, केमिकल्स और मशीनरी में मजबूत मांग को दर्शाता है।

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