ला नीना के प्रभाव से पड़ेगी ज्यादा ठंड, मौसम विभाग ने की भविष्यवाणी

Weather Update News (आज समाज), नई दिल्ली : इस साल देश में जहां मानसून समय से पहले आ गया वहीं यह सामान्य से ज्यादा बरसा। इसका परिणाम यह रहा कि देश के ज्यादात्तर राज्यों को बाढ़ का सामना करना पड़ा। अब जबकि देश के ज्यादात्तर हिस्सों से मानसून विदा ले चुका है या फिर लेने को तैयार है तो ऐसे में अब देश के लोगों का ध्यान आने वाले सर्दी के मौसम की तरफ जा रहा है। वहीं भारतीय मौसम विभाग ने भी इस बात की भविष्यवाणी कर दी है कि इस साल देश में सामान्य से ज्यादा ठंड पड़ने का अनुमान है।

मौसम विभाग ने सर्दी के लिए यह बताया कारण

दरअसल मौसम विभाग ने सामान्य से ज्यादा सर्दी पड़ने के पीछे ला नीना के प्रभाव को मुख्य कारण बताया है। ला नीना एक जलवायु परिघटना है, जिसका इस साल सर्दियों पर सीधा प्रभाव पड़ सकता है। ला नीना ठंडी जलवायु का प्रतीक है। ला नीना अल नीनो के उलट होता है। भारत में ला नीना की वजह से ज्यादा ठंड पड़ने की संभावना है।

उत्तर भारत में ज्यादा असर देखने को मिलेगा

उत्तर भारत में विशेष तौर पर इसका प्रभाव देखने को मिलेगा। यह मौसम पैटर्न प्रशांत महासागर को ठंडा करने का काम है। ऐसे में यह उत्तर भारत में नवंबर-दिसंबर के महीने में अधिक पाला पड़ने और शीत लहरों का कारण बनता है। प्रशांत महासागर में होने वाला मौसमी पैटर्न ला नीना के कारण भूमध्यरेखीय प्रशांत इलाके में समुद्र की सतह का तापमान औसत से नीचे चला जाता है। ला नीना से प्रभावित होने वाले देशों में भारत का नाम अहम है।

भूमध्य रेखा के पास भारत मौजूद है। ला नीना की वजह से खासतौर पर उत्तर भारत के राज्यों में ज्यादा ठंड पड़ सकती है। अमेरिकी राष्ट्रीय मौसम सेवा के जलवायु पूवार्नुमान केंद्र ने अक्तूबर से दिसंबर के बीच ला नीना विकसित होने की 71 फीसदी तक संभावना जताई है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने सितंबर की शुरूआत में ही ला नीना की बात की है। संगठन की तरफ से बताया गया कि ला नीना मौसम और जलवायु पैटर्न को प्रभावित करने के लिए वापस आ सकता है।

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