Charkhi Dadri News(आज समाज नेटवर्क) बाढड़ा। भाकियू प्रतिनिधि मंडल ने आज उपमंडल के गांव बाढड़ा, काकड़ौली, लाडावास में बरसात की चपेट में आई फसलों व साथ लगते तोशाम क्षेत्र के गांव सागवान में पहुंच कर बाढ प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर किसानों की समस्याएं सुनी तथा प्रदेश सरकार से उनकी सुध लेने की मांग की।
भाकियू अध्यक्ष हरपाल सिंह भांडवा की अगुवाई में युवा किसान नेता रवि आजाद, भाकियू महासचिव ओमप्रकाश उमरवास, सतबीर बाढड़ा इत्यादि ने आज दादरी व भिवानी के बरसात से प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर किसानों व ग्रामीणों से मुलाकात की। किसान नेताओं ने बताया कि बाढड़ा व दादरी क्षेत्र में उम्मीद से अधिक बरसात से बाजरा, ग्वार व कपास की सौ फिसदी फसलें चौपट हो चुकी हैं लेकिन सरकार केवल कागजी कदम उठा कर जानबूझ कर तबाही का इंतजार कर रही हैं।
हर सीजन में अलग अलग बीमारियों के प्रकोप के कारण किसानों का रुझान कम होता जा रहा है
भिवानी जिले का सागवन गांव डुबा हुआ है लेकिन प्रदेश सरकार अभी तक पानी निकासी के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है। भाकियू अध्यक्ष हरपाल सिंह भांडवा ने दावा किया कि प्रदेश सरकार ने जल्द ही समस्त जिले को प्रभावित मानकर मुआवजे की घोषणा नहीं की तो भाकियू जल्द ही राज्य स्तर पर बड़ा धरना प्रदर्शन कर सरकार को झुकने पर मजबूर कर देगी। खरीफ सीजन में प्रदेश के दक्षिणी क्षेत्र की रेतीली ब रानी भूमि पर कम पानी वाली ग्वार बाजरा की खेती अधिक रकबे में की जाती है वहीं टयूबवेल धारक किसान कपास की भी बिजाई करते हैं लेकिन इस पर हर सीजन में अलग अलग बीमारियों के प्रकोप के कारण किसानों का रुझान कम होता जा रहा है।
किसानों को प्रति एकड़ 15 हजार की बजए 50 हजार का मुआवजा दें
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता व पूर्व विधायक सोमवीर श्योराण ने क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों के खेतों में पहुंच कर किसानों से मुलाकात कर सरकार द्वारा इस दुख की घड़ी में सुध न लेने पर रोष जताया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के दक्षिणी हरियाणा में लगातार बरसात से किसानों की खरीफ सीजन की सौ फिसदी फसलें खराब हो गई है लेकिन सीएम चरखी दादरी भिवानी दोनों जिलों में केवल पोर्टल के नाम पर रकबे को ही नुकसान की श्रैणी में लेकर असली प्रभावित किसानों के हितों से कुठाराघात कर रहे हैं जो न्यायसंगत नहीं है।
लगातार बारिश और जलभराव के कारण हजारों एकड़ फसलें पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं, जिससे किसान गहरे संकट में हैं
सीएम नायब सिंह सैनी दस से पंद्रह हजार मुआवजे का वायदा कर रहे हैं जो किसान वर्ग के साथ अन्याय है और कम से कम पच्चास हजार का मुआवजा जारी करना चाहिए। पहले ही क्षेत्र के किसान वर्ष 2023 व वर्ष 2025 की आपदा प्रभावित फसलों के मुआवजे के लिए बेमियादी धरना प्रदर्शन कर रहे है वहीं अब सारे सीजन की फसलें खराबे की भेंट चढ गई हैं। उन्होंने कहा कि लगातार बारिश और जलभराव के कारण हजारों एकड़ फसलें पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं, जिससे किसान गहरे संकट में हैं।
प्रभावित गांवों और कादमा, बेरला, बाढड़ा, झोझू जैसे कस्बेनुमा शहरों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बड़े दुर्भाग्य की बात है कि आज अन्नदाता को अकेला छोड़ दिया गया वहीं ट्रिपल इंजिन वाली सरकारका कोई भी तबका या प्रशासन गांवों में सुध लेने नहीं पहुंच रहा है। भाजपा सरकार को तुरंत आगे आकर जनता की मदद करनी चाहिए। बर्बाद हुई फसलों का शीघ्र सर्वे करवा कर उचित मुआवजा दिया जाए। प्रभावित क्षेत्रों में विशेष गिरदावरी करवाई जाए और नुकसान का सही आकलन कर किसानों को राहत राशि प्रदान की जाए। इसके अतिरिक्त आबादी वाले क्षेत्रों में पानी की निकासी के लिए पर्याप्त पंपों का विशेष प्रबंध किया जाए ताकि लोगों के घरों में जलभराव से होने वाले स्वास्थ्य संकट को रोका जा सके। कई जिलों में बाढ़ की स्थिति दिनों-दिन गंभीर होने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि सरकार को बचाव एवं राहत कार्य में तेजी लानी चाहिए, जलभराव प्रभावित क्षेत्रों से जलनिकासी का प्रबंध करना चाहिए। बरबाद हुई फसलों की तुरंत गिरदावरी करवाकर किसानों को मुआवजा दिया जाए।