दिल्ली स्कूल फी रेगुलेशन एक्ट विधानसभा में पेश

Delhi Breaking News (आज समाज), नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में जब से भाजपा सरकार ने सत्ता संभाली है तभी से प्राइवेट स्कूलों द्वारा फीस के मामले में की जा रही मनमर्जी का मुद्दा राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस जहां इस फीस मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश में रहते हैं वहीं सीएम सहित सभी भाजपा नेता इससे राहत दिलाने की बात बार-बार दोहराते आए हैं। इसी बीच दिल्ली विधानसभा के मानसून सत्र के पहले ही दिन दिल्ली सरकार ने निजी स्कूलों की मनमानी फीस वृद्धि पर अंकुश लगाने के लिए दिल्ली विद्यालय शिक्षा (शुल्क निर्धारण एवं विनियमन में पारदर्शिता) विधेयक, 2025 सदन में पेश किया।

शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए दिल्ली सरकार का साहसिक कदम

शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशभर में व्यवस्था सुधार रहे हैं, उसी प्रकार मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली के शिक्षा क्षेत्र में बड़ी समस्या के समाधान के लिए साहसिक कदम उठाया है। आशीष सूद ने स्पष्ट किया कि अब प्राइवेट स्कूल मनमाने ढंग से फीस नहीं बढ़ा सकेंगे। यदि कोई स्कूल नियमों का उल्लंघन करता है तो न सिर्फ उस पर जुमार्ना लगाया जाएगा, बल्कि उसकी मान्यता भी रद्द की जा सकेगी।

लाखों अभिभावकों को मिलेगी राहत

माना जा रहा है कि यह बिल पारित होने के बाद दिल्ली के लाखों अभिभावकों और छात्र-छात्राओं को बड़ी राहत मिलेगी। मंत्री ने बताया कि इस बिल को लाने से रोकने की कोशिशें हुईं और उन पर व्यक्तिगत आरोप भी लगाए गए, लेकिन वे दबाव और धमकियों के बावजूद पीछे नहीं हटे। उनका कहना है कि सरकार शिक्षा माफिया के खिलाफ पूरी मजबूती से यह विधेयक लेकर आई है, जिससे अभिभावकों को राहत मिलेगी और शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता आएगी। आशीष सूद ने बताया कि विधेयक के तहत फीस संरचना को सार्वजनिक करना अनिवार्य होगा, हर फीस वृद्धि के लिए बोर्ड की मंजूरी आवश्यक होगी और सभी विवरण आॅनलाइन उपलब्ध किए जाएंगे।

ये भी पढ़ें : Delhi Assembly Session : ऑपरेशन सिंदूर से विपक्ष का क्या दिक्कत : विजेंद्र गुप्ता