अमेरिका सहित कई अन्य देशों के साथ वार्ता अंतिम चरण में पहुंची : पीयूष गोयल

Business News Hindi (आज समाज), बिजनेस डेस्क : बदलते वैश्विक परिवेश के बीच भारत लगातार व्यापार के नए रास्ते तलाश रहा है। इसी प्रयास के चलते पिछले कुछ समय में भारत ने विश्व के कई देशों के साथ व्यापार समझौते किए हैं। यह जानकारी देते हुए भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत और चार यूरोपीय देशों के समूह, ईएफटीए (यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ) के बीच व्यापार और आर्थिक भागीदारी समझौता (टीईपीए) 1 अक्टूबर से लागू होगा। इस पर 10 मार्च, 2024 को हस्ताक्षर किए गए थे।

समझौते के तहत, भारत को समूह से 15 वर्षों में 100 अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता प्राप्त हुई है। वहीं स्विस घड़ियों, चॉकलेट और कटे और पॉलिश किए गए हीरों जैसे कई उत्पादों को कम या शून्य शुल्क पर अनुमति दी गई है।

इन देशों के साथ अंतिम चरण में वार्ता

गोयल ने कहा कि भारत अमेरिका, न्यूजीलैंड, ओमान, पेरू, चिली और यूरोपीय संघ सहित कई देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) पर बातचीत कर रहा है। उन्होंने कहा कि कतर और बहरीन ने भी भारत के साथ व्यापार समझौते पर बातचीत करने की इच्छी जताई है। उन्होंने कहा कि अगस्त में भारत और यूरेशियन आर्थिक संघ (ईएईयू) जिसमें आर्मेनिया, बेलारूस, कजाकिस्तान, किर्गिज गणराज्य और रूस शामिल हैं, ने एफटीए पर वार्ता शुरू करने के लिए संदर्भ की शर्तों (टीओआर) पर हस्ताक्षर किए थे।

अमेरिका के साथ हुई पांच दौर की वार्ता

पिछले हफ्ते, मंत्री ने व्यापार वार्ता के लिए एक आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व न्यूयॉर्क में किया था। उस बैठक के बाद, भारत और अमेरिका ने पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर शीघ्र निष्कर्ष निकालने के लिए बातचीत जारी रखने का निर्णय लिया। समझौते के पहले चरण को 2025 की शरद ऋतु (अक्टूबर-नवंबर) तक पूरा करने की योजना थी। अब तक पांच दौर की वार्ता हो चुकी हैं।

इस समझौते का उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार को वर्तमान 191 अरब डॉलर से दोगुना से भी अधिक बढ़ाकर 2030 तक 500 अरब डॉलर तक पहुंचाना है। अमेरिका 2024-25 में लगातार चौथे वर्ष भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना रहेगा, जिसका द्विपक्षीय व्यापार 131.84 अरब डॉलर (86.5 अरब डॉलर का निर्यात) होगा। भारत के कुल वस्तु निर्यात में अमेरिका की हिस्सेदारी लगभग 18 प्रतिशत, आयात में 6.22 प्रतिशत तथा देश के कुल वस्तु व्यापार में 10.73 प्रतिशत है।