4 दिन से लैब बंद, लैब में तैनात एकमात्र स्वीपर को वापस बुलाने से उपजा विवाद
Chandigarh News (आज समाज) चंडीगढ़: हरियाणा के करनाल में स्थित स्टेट लेवल टीबी कल्चर और ड्रग सेंसिटिविटी टेस्ट पिछले 4 दिन से बंद है। लैब के बंद होने से टीबी के टेस्ट नहीं हो पा रहे है। यह विवाद एक सफाई कर्मचारी के कारण पैदा हुआ, जिसे सिविल सर्जन कार्यालय ने वापस बुला लिया है। हालांकि लैब में स्वीकृत पदों में दो स्वीपर हैं, लेकिन केवल एक ही तैनात किया गया था, और वह भी वापस बुला लिया गया।

सिविल सर्जन और राज्य टीबी अधिकारी से बार-बार लिखित अनुरोध किया गया कि किसी और को नियुक्त किया जाए या लंबित नमूनों को पुनर्निर्देशित किया जाए, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

हर रोज होती थी 90 से 100 सैंपल की जांच

आपको बता दें कि करनाल के सेक्टर-16 स्थित पॉलीक्लिनिक की पहली मंजिल पर इंटरमीडिएट रेफरेंस लैबोरेटरी में डेली 90 से 100 टीबी सैंपल की जांच करती है, जो राज्य भर के 15 जिलों में दवा-प्रतिरोधी तपेदिक के उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

इस अचानक निलंबन के कारण 500 से अधिक थूक के नमूने बिना केयर के पड़े रह गए हैं, जिससे डायग्नोस्टिक और ट्रीटमेंट में देरी हो रही है, जबकि केंद्र सरकार ने 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य रखा है।

रेगुलर सफाई कर्मचारी नहीं

आईआरएल के अतिरिक्त वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी और माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ. रवि ने कहा, टीबी के सैंपल के सैंपलिंग और प्रॉससिंग, दोनों में विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। हमारे पास कोई रेगुलर सफाई कर्मचारी नहीं है। यहां तैनात एकमात्र सफाई कर्मचारी को वापस बुला लिया गया है। हमने सभी संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखा है।

टीबी प्रयोगशाला में उच्च स्तर की सफाई की आवश्यकता

राज्य जीवाणु विज्ञानी डॉ. मंजीत सिंह ने कहा कि एक टीबी प्रयोगशाला में उच्च स्तर की सफाई की आवश्यकता होती है, जो एक नियुक्त सफाईकर्मी के बिना संभव नहीं है। सफाईकर्मी के बिना, हमारे पास परीक्षण रोकने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।

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