Tattoo Fashion:शरीर पर टैटू बनवाने का बढ़ रहा प्रचलन, युवाओं के लिए हो सकता है घातक

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टैटू बनवाते समय बहुत अधिक सावधानी बरते
टैटू बनवाते समय बहुत अधिक सावधानी बरते
Aaj Samaj, (आज समाज),Tattoo Fashion,करनाल, 8मई, इशिका ठाकुर :
आधुनिक तथा फैशन के इस दौर में युवा स्टाइलिश दिखने के लिए अलग-अलग तरीकों से रूप सज्जा कर रहे हैं। इसी के चलते अब युवाओं में विदेशों की तर्ज पर हिंदुस्तान में भी शरीर पर टैटू बनवाने का प्रचलन पहले के मुकाबले बहुत अधिक बढ़ता जा रहा है, परंतु युवाओं द्वारा शरीर पर टैटू बनवाने का फैशन कई बार उनके लिए खतरनाक भी साबित हो सकता है। ऐसे में टैटू बनवाते समय बहुत अधिक सावधानी बरते जाने की बेहद आवश्यकता होती है क्योंकि कई बार टैटू बनवाने से ऐसी लाइलाज बीमारियां होने की संभावना बन सकती है जिनका न तो कोई इलाज है, न ही कोई समाधान।

टैटू बनाने वाले आर्टिस्टो की संख्या भीबढ़ती जा रही है

आजकल के मॉडर्न और स्टाइलिश युग में शरीर पर टैटू बनवाने का क्रेज युवाओं में इस कदर बढ़ता जा रहा है कि हर तीसरा युवा अपने शरीर पर टैटू बनवाना चाहता है, यही कारण है कि टैटू बनाने वाले आर्टिस्टो की संख्या भी बाजार, गली नुक्कड़, चौक चौराहों और मेलों में बढ़ती जा रही है, लेकिन बहुत कम युवाओं को इसके बारे में जानकारी है कि शरीर पर टैटू बनवाने से उन्हें बड़ी गंभीर बीमारियों से भी ग्रसित होना पड़ सकता है। इससे संबंधित एक ऐसा ही मामला 14 अगस्त 2022 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी में सामने आया था जहां एक मेले में टैटू बनाने वाले आर्टिस्ट ने 12 लोगों को एचआईवी जैसे वायरस से ग्रसित कर दिया था।
टैटू बनवाते समय बहुत अधिक सावधानी बरते
टैटू बनवाते समय बहुत अधिक सावधानी बरते
अक्सर देखा गया है कि टैटू आर्टिस्ट टैटू बनाते समय एक ही नीडल का प्रयोग करते हैं जो की कभी कभी जानलेवा साबित हो सकता है।  सरकार द्वारा डॉक्टर्स के लिए डिस्पोजेबल सुई का प्रयोग करने के निर्देश हैं लेकिन टैटू आर्टिस्टों के लिए सरकार द्वारा इस प्रकार की कोई भी निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। जिसके कारण शरीर पर टैटू बनवाने का खतरा और अधिक बढ़ जाता है।
सरल भाषा में अगर कहा जाए तो जब टैटू आर्टिस्ट किसी लाइलाज बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को टैटू बनाता है तो मशीन की सुई टैटू बनवाने वाले व्यक्ति की चमड़ी में प्रवेश करती है और उस सुई पर व्यक्ति का खून भी लग जाता है और उसी सुई से अगर किसी दूसरे व्यक्ति को टैटू बनवाया जाए तो सुई पर लगा वायरस दूसरे व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाता है।जिससे एचआईवी, हैपेटाइटिस सी, हैपेटाइटिस बी तथा सिफीलिस जैसी बीमारियां हो सकती है।
टैटू बनवाने वाली युवती दिशा ने बताया कि उसे बचपन से ही टैटू बनवाने का शौक था लेकिन उम्र कम होने के कारण उसने अपना टैटू नहीं बनवाया था अब जब वह बड़ी हुई तो उसने अपनी बाजू पर अपने पिताजी के नाम का टैटू बनवाया है क्योंकि उसके पिता अब दुनिया में नहीं है हालांकि उसके पिता यादों में हमेशा उसके साथ रहते हैं लेकिन बाजू पर पिता के नाम का टैटू बनवाकर उसे बहुत अपनापन लग रहा है। इससे उसका टैटू बनवाने का शौक भी पूरा हो गया और और उसके पापा की यादें भी हमेशा ताजा रहती हैं।
टैटू आर्टिस्ट के पास टैटू बनवाने पहुंचे रविंद्र ने बताया कि टैटू बनवाने में थोड़ा दर्द तो जरूर होता है लेकिन शौक के आगे यह दर्द महसूस नहीं होता। उन्होंने कहा कि दूसरे देशों में लोग शरीर पर टैटू बनवाते हैं तो ऐसे में हिंदुस्तान के लोग क्यों पीछे रहें। रविंद्र ने बताया कि उसने अपनी फैमिली चेन के रूप में अपनी बाजू पर टैटू बनवाया है, जिसमें मम्मी-पापा, बीवी-बच्चे सबको दिखाया गया है। रविन्द्र ने बताया कि टैटू बनवा कर काफी अच्छा लग रहा है।

एक अच्छा आर्टिस्ट्स टैटू बनाने कि कम से कम 25 सौ रुपए कीमत करता है वसूल

 टैटू आर्टिस्ट विनोद ने बताया कि आजकल युवाओं में टैटू बनवाने का शौक बढ़ता जा रहा है। पहले अधिकतर विदेशी लोग शरीर पर टैटू बनवाते थे लेकिन अब हिंदुस्तान में भी युवा बड़ी संख्या में शरीर पर टैटू करवाने लगे हैं। उन्होंने कहा कि टैटू बनवाने की सही उम्र 25 वर्ष के बाद है। देश में बड़े शहरों के साथ-साथ अब छोटे शहरों में भी टैटू आर्टिस्ट ओं की संख्या बढ़ती जा रही है यही कारण है कि टैटू बनवाने के लिए कीमतों में भी काफी गिरावट आई है। आजकल एक अच्छा आर्टिस्ट्स टैटू बनाने कि कम से कम 25 सौ रुपए कीमत वसूल करता है तथा इसके बाद जैसे-जैसे टैटू का आकार बढ़ता जाता है वैसे वैसे उसकी कीमत भी अधिक होने लगती है। टैटू आर्टिस्ट विनोद ने युवाओं को सलाह देते हुए कहा कि युवाओं को चाहिए कि वह विदेशी तर्ज पर आंख के आस पास नहीं बनवाए इससे आंख को बड़ा खतरा पैदा हो सकता है।
इस संबंध में जब निजी अस्पताल के संचालक त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ सुशील बठला से बात की तो उन्होंने माना कि टैटू बनवाने से एचआईवी होने की संभावना बढ़ जाती है अगर टैटू आर्टिस्ट पुरानी नीडल यूज करता है तो उससे वायरस का आदान प्रदान हो सकता है। उन्होंने बताया कि अक्सर देखा गया है कि टैटू बनवाने के लिए कई बार टैटू आर्टिस्ट द्वारा हल्की क्वालिटी की डाई का इस्तेमाल किया जाता है जिस से कई लोगों को खारिश अथवा एलर्जी हो जाती है जिसके लिए बेहद जरूरी है कि टैटू बनवाने से पहले एलर्जी टेस्ट करवाया जाए। त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉक्टर बठला ने बताया कि जिन युवाओं को पुलिस अथवा सीमा सुरक्षा जैसी सेवाओं में जाना होता है वह युवा टैटू न बनवाएं क्योंकि इन सेवाओं में शरीर पर टैटू बनवाना वर्जित माना गया है।

HIV वायरस से ग्रसित लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है

अगर आंकड़ों की बात करें तो हरियाणा HIV वायरस से ग्रसित लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। प्रदेश के जिलों की बात करें तो 2022 में पहले स्थान पर जींद जिले में सबसे ज्यादा एचआईवी ग्रसित मरीजों की संख्या थी वही पानीपत में मरीजों की संख्या दूसरे नंबर पर है। जो कि एक चिंता का विषय है। इसलिए यह बेहद जरूरी हो जाता है कि एचआईवी वायरस से बचाव के लिए अन्य सावधानियों के साथ-सथ टैटू बनवाने के लिए भी विशेष सावधानियां बरती जाएं।
टैटू बनवाते समय युवा रखें इन बातों का विशेष ध्यान।

इन बातों का रखें विशेष ध्यान

1:-  टैटू किसी ऐसे व्यक्ति से करवाएं जिसके पास कई सालों का अनुभव हो।
2:- ध्यान दें कि टैटू आर्टिस्ट डिस्पोजल और सैनिटाइजेशन का पूरा ख्याल रखे।
3:- टैटू आर्टिस्ट टैटू बनाते वक्त अच्छी गुणवत्ता वाली इंक और नीडल का प्रयोग करें, यह भी जरूरी है।
4:-  टैटू करवाने से पहले डॉक्टर से स्किन टेस्ट जरूर करवाएं।
5:- अगर स्किन बहुत ज्यादा सेंसिटिव है तो डॉक्टर की सलाह पर ही टैटू करवाएं
6:- टैटू करवाने के बाद टैटू आर्टिस्ट द्वारा सुझायी गई गाइडलाइंस फॉलो करें।
7:- अगर टैटू बनवाने के बाद आपकी त्वचा पर कोई परेशानी होती है तो त्वचा विशेषज्ञ के पास जाएं या टैटू आर्टिस्ट से बात करें।
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