रेटिंग फर्म क्रिसिल ने किया दावा, कहा, भारत को वित्त वर्ष 2026 में करना पड़ेगा चुनौतियों का सामना

Business News Hindi (आज समाज), बिजनेस डेस्क : विश्व के दर्जनों देश इस समय अमेरिका द्वारा जारी की गई नई टैरिफ दरों से प्रभावित हो रहे हैं। अमेरिका की टैरिफ नीति से सबसे ज्यादा प्रभावित विश्व की विकासशील अर्थव्यवस्थाएं हो रही हैं। ज्ञात रहे कि अमेरिका ने कई देशों के खिलाफ नई दरों की घोषणा कर दी है जोकि एक अगस्त से लागू होंगी। हालांकि भारत के खिलाफ नई दरों की घोषणा नहीं की गई है और भारत के साथ अमेरिका की व्यापार समझौते पर वार्ता लगातार जारी है। इसी बीच रेटिंग फर्म क्रिसिल ने यह दावा किया है कि अमेरिका की टैरिफ से भारत के विकास पर प्रभाव पड़ेगा।

अमेरिका की विकास दर भी होगी प्रभावित

हालांकि रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि टैरिफ से विश्व के अन्य देशों के साथ-साथ अमेरिका की विकास दर भी प्रभावित होगी। भारत के सबसे बड़े निर्यात गंतव्य अमेरिका में वृद्धि दर 2.8 प्रतिशत से घटकर 1.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है। परिणामस्वरूप इस वित्तीय वर्ष में भारत के वस्तु व्यापार पर दबाव पड़ने की उम्मीद है। हालांकि, वित्त वर्ष 2026 में चालू खाता घाटा (सीएडी) सकल घरेलू उत्पाद के 1.3 प्रतिशत के सुरक्षित दायरे में रहने की उम्मीद है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि सेवा व्यापार में अधिशेष और मजबूत रूप से आने वाले प्रेषण (रेमिटेंस) चालू खाता घाटे को कुछ हद तक संतुलित करने में मदद करेंगे। अगर किसी राष्ट्र का आयात उसके निर्यात से अधिक है, तो वह देश का चालू खाता घाटा कहलाता है। रिपोर्ट में कहा गया कि टैरिफ बढ़ोतरी अगस्त से लागू होने की उम्मीद है। भारत और अमेरिका एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते और एक महत्वपूर्ण निगरानी समझौते पर बातचीत कर रहे हैं।

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